कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी कौन संभालेगा…पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया या फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार? इस सवाल के जवाब का इंतजार दक्षिण भारतीय सूबे से लेकर दिल्ली तक से किया जा रहा है. सोमवार (15 मई, 2023) को कांग्रेस के सीनियर नेता सिद्दारमैया के राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की अटकल है, जबकि शिवकुमार ने साफ किया कि उन्हें दिल्ली से अब तक (खबर लिखे जाने तक) कोई फोन नहीं आया है.
वैसे, सीएम चेहरा कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ही तय करेंगे, क्योंकि पार्टी विधायकों ने मुख्यमंत्री पद पर फैसले के लिए पार्टी अध्यक्ष को अधिकृत किया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या आपको सीएम बनाया जाएगा? कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने बताया, ‘‘मैं नहीं जानता. मुझे जो भी काम दिया गया, मैंने वह किया है. हमने दिल्ली को एक पंक्ति का प्रस्ताव भेजा है.’’ आगे आलाकमान की ओर से दिल्ली बुलाने की अटकलों पर वह बोले, ‘‘मुझे अभी तक कोई फोन नहीं आया है. चलिए, देखते हैं.’’ वहीं, नई सरकार का गठन कब होगा? इस प्रश्न पर वह बोले- हम सप्ताह का शुभ दिन और शुभ मुहूर्त देखेंगे.
दरअसल, डीके शिवकुमार का राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दरमैया से कड़ा मुकाबला है. दोनों ही नेता इस पद के लिए दावेदार माने जा रहे हैं. शिवकुमार खुले तौर पर विभिन्न आयोजनों में खासकर वोक्कालिगा से जुड़े कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री बनने की अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करते रहे हैं.
दूसरी तरफ बेहद अनुभवी सिद्धरमैया अपने सक्षम प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. उन्हें राज्य के लिए 13 बजट पेश करने का गौरव भी हासिल है. जमीनी नेता के तौर पर अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों और दलितों के बीच उनका काफी दबदबा है. सिद्धरमैया ने घोषणा की थी कि यह उनका आखिरी चुनाव है.
वैसे, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार (14 मई, 2023) की शाम बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष खड़गे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा. इस बीच, सूबे में कांग्रेस विधायक दल के नेता के संदर्भ में विधायकों की राय जानने के लिए बेंगलुरु भेजे गए पार्टी के तीनों पर्यवेक्षक (सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया) सोमवार को दिल्ली लौट आए और अब वे खड़गे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
सूबे में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं थी.