केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 22 साल पुराने हत्या के मामले के केस को लखनऊ बेंच से इलाहाबाद बेंच को ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने हाईकोर्ट से 10 नवंबर, 2022 को इस मामले पर सुनवाई करने का अनुरोध भी किया है. यह तारीख पहले से ही हाईकोर्ट द्वारा दोनों वकीलों के बीच सहमति के लिए दी गई थी.
इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने केस को ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद अजय मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
मिश्रा ने इस आधार पर ट्रांसफर की मांग की थी कि उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील आमतौर पर इलाहाबाद में रहते हैं और काफी वृद्ध हो चुके हैं. ऐसे में उनके लिए बार-बार सुनवाई के लिए लखनऊ जाना संभव नहीं होगा.
इस संबंध में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वरिष्ठ वकील लखनऊ आने में असमर्थ हैं, तो उक्त वकील को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रस्तुत करने की अनुमति देने के अनुरोध पर हाईकोर्ट कर सकता है.
क्या है मामला
अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ यह मामला साल 2000 का है, जब एक उभरते हुए छात्र नेता प्रभात गुप्ता की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री टेनी समेत 3 लोगों को आरोपी बनाया गया था। लेकिन 2004 में अजय मिश्रा को निचली अदालत ने बरी कर दिया था.
उस आदेश को चुनौती देते हुए, यूपी सरकार ने वर्ष 2004 में उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. और मिश्रा ने उसी मामले की सुनवाई के लिए केस को इलाहाबाद बेंच को ट्रांसफर करने की अपील की थी.