अगले साल लोकसभा चुनाव होने है. जिसको लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इन सबके बेच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 2024 में भी सरकार बनाएगा और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे. शाह ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद तीन अहम मुद्दों जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सली समस्या का मोटे तौर पर समाधान कर दिया गया है.
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद कोई विदेशी ताकत ने देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं की. उन्होंने कहा कि ‘जनता तय करेगी कि कौन देश का अगला प्रधानमंत्री होगा. मैंने देश के सभी हिस्सों का दौरा किया है और महसूस किया है कि भाजपा अगली सरकार बनाएगी और मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे.’
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर विपक्ष वार्ता के लिए आगे आए तो संसद में जारी मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष ‘दो कदम आगे बढ़ाए’ तो सरकार उससे भी ‘दो कदम आगे बढ़ेगी’. शाह ने एक ‘मीडिया कॉन्क्लेव’ में कहा कि ऐसे कई मुद्दें हैं, जो राजनीति से ऊपर है.
यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी धरती पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था. शाह ने कहा कि ‘दोनों पक्ष लोकसभा अध्यक्ष के साथ बैठें. उन्हें दो कदम आगे आना चाहिए और हम उससे भी दो कदम आगे बढ़ाएंगे. तब संसद चलेगी, लेकिन आप केवल संवाददाता सम्मेलन कीजिए और कुछ न कीजिए, ऐसा नहीं चलता.’
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि संसद केवल सत्ता पक्ष या केवल विपक्ष से नहीं चलती और दोनों को एक-दूसरे से बात करनी ही होती है। उन्होंने कहा कि ‘हमारी पहल के बावजूद विपक्ष की ओर से बातचीत का प्रस्ताव नहीं आया. हम किससे बात करें? वे मीडिया से बातचीत कर रहे हैं. वे नारेबाजी कर रहे हैं कि संसद में बोलने की आजादी होनी चाहिए. संसद में बोलने की पूरी आजादी है. आपको बात करने से कोई नहीं रोक रहा.’ शाह ने हालांकि कहा कि सभी को नियमों का पालन करना चाहिए और उन्मुक्त नहीं होना चाहिए तथा प्रत्येक को नियमावली पढ़नी चाहिए और उन्हें समझना चाहिए.
अमित शाह ने कहा कि ‘संसद में बहस नियमों के तहत होती है. आप सड़क चलते व्यक्ति की तरह संसद में नहीं बोल सकते. अगर उनको इन मूल बातों की जानकारी नहीं है तो हम क्या करें.’ शाह ने दो घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी आपातकाल के बाद इंग्लैंड गई थीं और उस वक्त शाह आयोग का गठन हुआ था. तब इंदिरा गांधी को जेल में भेजने के प्रयास चल रहे थे. उन्होंने इंदिरा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि ‘उस समय कुछ पत्रकारों ने इंग्लैंड में उनसे सवाल किया कि उनका देश कैसा चल रहा है.
जिस पर उन्होंने कहा था कि हमारे बीच कुछ समस्याएं हैं, लेकिन मैं उनपर यहां कुछ नहीं कहना चाहती. मेरा देश ठीक चल रहा है. मैं कुछ भी अपने देश के बारे में नहीं कहूंगी. यहां मैं एक भारतीय हूं.’
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी एजेंसियां निष्पक्ष काम कर रही हैं. केवल दो को छोड़ अधिकतर जांच किए जा रहे मामले पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में दर्ज किए गए थे. शाह ने कहा कि जांच एजेंसियां जो भी कर रही हैं, उसे अदालतों में चुनौती दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ‘साल 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की एक बड़ी महिला नेता ने कहा था कि अगर वे भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं तो जांच क्यों नहीं होती. वह हमसे सवाल कर रही थीं. अब जब कार्रवाई की जा रही है तो वह शोर मचा रहे हैं.’
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ये जांच एजेंसिया कानून से ऊपर नहीं है और किसी भी नोटिस, FIR और आरोप पत्र को अदालतों में चुनौती दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि ‘अदालत जाने के बजाय वे क्यों बाहर चिल्ला रहे हैं. मैं जनता से पूछना चाहता हूं कि अगर किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं तो क्या उसकी जांच नहीं होनी चाहिए. केवल दो को छोड़ ये सभी मामले उनके शासन में दर्ज किए गए थे न कि हमारी सरकार के दौरान.’ अडाणी समूह के खिलाफ जांच के सवाल पर शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जजों की दो सदस्यीय कमेटी बनाई है. सभी को उनके पास जाकर जो भी सबूत हैं, उन्हें जमा कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि ‘अगर गलत हुआ है तो किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. सभी को न्यायिक प्रक्रिया में भरोसा रखना चाहिए.’ शाह ने कहा कि लोगों को आधारहीन आरोप नहीं लगाने चाहिए. क्योंकि वे अधिक समय तक नहीं टिकते.