इन दिनों कांग्रेस पार्टी हर तरफ आंतरिक कलह से जूझ रही है. पूरे देश में केवल तीन राज्यों में पार्टी की सरकार है. लेकिन, इन तीनों राज्यों में पार्टी बुरी तरह आंतरिक कलह से जूझ रही है. कर्नाटक में सीएम की कुर्सी की लड़ाई जगजाहिर है. वहां सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच तकरार से पार्टी की किरकिरी हो रही है. इस बीच तेलंगाना से पार्टी के लिए बुरी खबर आ रही है. यहां मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सरकार के दो मंत्रियों से नाराज विधायकों की ने अहम बैठक की है. इसके साथ ही तेलंगाना कांग्रेस के एक सर्वे से भी कांग्रेस के अंदर की आंतरिक कलह सामने आ गई है.
रिपोर्ट के मुताबकि कांग्रेस के 10 विधायकों ने विधायक अनिरुद्ध रेड्डी के नेतृत्व में दो मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी को लेकर डिनर पर बैठक की. नाराज विधायकों में ज्यादातर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के जिले महबूबनगर से हैं, इसलिए सीएम रेड्डी तुरंत एक्शन में आ गए हैं. रेवंत रेड्डी ने मामले को खत्म करने के लिए मंत्रियों और विधायकों से जल्द मिलने वाले है. विधायकों की नाराजगी मुख्य तौर पर पी श्रीनिवास रेड्डी से है. विधायकों की नाराजगी है कि इनकी और इनके समर्थकों की जमीन को नियमित नहीं किया जा रहा है और मंत्री इसके लिए 40 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं.
वित्त मंत्रालय की तरफ से पेंडिंग बिल क्लियर न होने की वजह से भी विधायक नाराज हैं. नाराज विधायकों की बैठक से पहले कांग्रेस की किरकिरी एक पोल सर्वे की लेकर हुई है. तेलंगाना कांग्रेस की तरफ से जारी एक पोल सर्वे कांग्रेस के खिलाफ ही चला गया. पोल सर्वे में लोगों से सवाल किया गया था कि फार्महाउस शासन (KCR के लिए) या जनता के शासन (कांग्रेस के लिए ) में से किसको तरजीह देते हैं.
कांग्रेस का पोल सर्वे कांग्रेस के खिलाफ चला गया और 66% से अधिक लोगों ने तेलंगाना कांग्रेस के एक्स सोशल मीडिया पोस्ट पर फॉर्महाउस शासन को पसंद किया. इस घटनाटक्रम के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महेश कुमार नाराज हैं और जल्द इसकी गाज जिम्मेदार लोगों पर गिर सकती है. माना जा रहा है कि पोल सर्वे में कांग्रेस के खिलाफ नतीजे कांग्रेस के अंदर की अंदरूनी राजनीति का ही नतीजा है.