देश के अलग अलग हिस्सों में सीबीआई और ईडी सक्रिय है. व्यापारियों के ठिकानों के साथ साथ राजनीतिर चेहरों को भी छापेमारी का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
अगर ऐसा नहीं होता तो बीजेपी के एक भी सांसद या विधायक के यहां छापा क्यों नहीं पड़ रहा है. लगभग 1000 भाजपा विधायकों और 300 सांसदों में से किसी के घर पर छापा मारा गया है? क्या वे सभी पवित्र हैं? सुरक्षा मिलने के कारण उनके घरों पर छापेमारी नहीं की जाती है. बीजेपी में जाने वाले होते हैं पवित्र.
दरअसल तेजस्वी यादव कोच्चि में पीएम मोदी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजनीति में एक नया ध्रुवीकरण हुआ है.
कोच्चि के पास नेदुंबस्सेरी में कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर लोगों की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि कुछ ऐसे समूह एक साथ आने लगे हैं और लोगों से ऐसे समूहों के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया है.
इन भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए, कुछ राजनीतिक समूह खुलकर सामने आ रहे हैं और एक इकाई में संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं. भारत और केरल के लोगों को ऐसे समूहों के खिलाफ सतर्क रहना होगा.पीएम मोदी का बयान विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कुछ शक्तिशाली विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और केंद्र के खिलाफ उनके द्वारा बाद में किए गए हमले की जांच के बीच आया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केंद्रीय एजेंसियों का “दुरुपयोग” करके अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही है.
पीएम मोदी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में कोई जो कहता है, उस पर वह ध्यान नहीं देता है. “कोई भी भ्रष्ट को बचा नहीं रहा है. उन्हें सोचना चाहिए कि दूसरे राज्यों में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा जो लोग भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दूसरे दलों की घेरेबंदी करते हैं उनको खुद अपने बारे में अपनी सरकारों के बारे में भी सोचने की जरूरत है.