बिहार में इन दिनों राजनीतिक उलटफेर जारी है. एक तरफ जहां नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने वाले हैं. वहीं दूसरी तरफ अब संभावित नए मंत्रिमंडल की चर्चा भी जोरशोर से चल रही है. इस बीच खबर आ रही है कि सीएम नीतीश कुमार चाहते हैं कि नई सरकार के गठन में सुशील मोदी को एक बार फिर डिप्टी सीएम पद मिले. बता दें कि राजद से गठबंधन से पहले जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे तो तब डिप्टी सीएम के पद पर तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी थीं. नीतीश कुमार के साथ सुशील मोदी कई बार सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
एक हिंदी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि 72 वर्षीय नीतीश कुमार ने आज गठबंधन सहयोगी और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सभी मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला किया है. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद, मुख्यमंत्री को एक नए डिप्टी की आवश्यकता होगी क्योंकि उनके वर्तमान डिप्टी, राजद के तेजस्वी यादव को भी जाना होगा. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौटने को लेकर नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उन्हें यह तय करने का पूरा मौका दिया गया है कि उनका नया डिप्टी कौन होगा और उन्होंने सुशील मोदी को चुना है.
क्या सुशील मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री के रूप में वापसी के विचार के लिए तैयार हैं या नहीं, फिलहाल यह ज्ञात नहीं है. जब सुशील मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्हें अक्सर मुख्यमंत्री के समर्थन के सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए विपक्ष के “नीतीश कुमार के आदमी” के रूप में आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था. लंबे कार्य सहयोग (सुशील मोदी तीन बार नीतीश कुमार के नंबर दो रहे हैं) से पैदा हुआ उनका सौहार्द तब भी बना रहा, जब उनकी पार्टियों में अलगाव हो गया था.
ऐसे कई उदाहरण हैं जब नीतीश कुमार पर गंभीर हमले हुए थे, जिनमें राज्य की राजधानी पटना में नागरिक मुद्दों और डेंगू के प्रकोप को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे. लेकिन सुशील मोदी ने उन हमलों को कम करने के लिए हमेशा हस्तक्षेप किया था. भाजपा और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) या जेडी (यू) ने तीन महीने में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि बिहार में सभी बीजेपी विधायक पहले ही नीतीश कुमार को समर्थन पत्र दे चुके हैं.
इन घटनाक्रमों से संकेत मिलता है कि जद (यू) प्रमुख – जिन्होंने अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल होने के लिए भाजपा को छोड़ दिया था ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चलाने में कोई वापसी नहीं करने के बिंदु को पार कर लिया है. सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री कल अपने घर पर जदयू और भाजपा विधायकों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन करेंगे, जिसके बाद दोनों दलों के विधायक अपना समर्थन पत्र देने के लिए राज्यपाल के पास जाएंगे. सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार के दो मंत्रियों की जगह बाबु फासिस को मंत्री बनाए जाने की संभावना है.