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लखीमपुर हिंसा मामला: आशीष मिश्रा को मिली जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई यह शर्त-पढ़े

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सुप्रीमकोर्ट

बुधवार को लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त आठ हफ्ते की अंतरिम जमानत मिल गई है . आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है. आशीष मिश्रा 1 साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है.

सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए यह शर्त भी लगाई है कि वह दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश में नहीं रहेगा. जमानत मिलने के बाद एक हफ्ते बाद आशीष मिश्रा को उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. जस्टिस सूर्याकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आशीष जमानत अवधि के दौरान ना उत्तर प्रदेश में रहेगा और ना ही दिल्ली एनसीआर में.

सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उनका मुवक्किल बीते एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है और जिस तरह से ट्रायल चल रहा है, उस तरह इसे पूरा होने में 7-8 साल का समय लगेगा. मुकुल रोहतगी ने ये भी कहा कि मामले में जिस जगजीत सिंह ने शिकायत की है, वह घटना का चश्मदीद गवाह नहीं है और उसकी शिकायत सिर्फ अफवाह पर आधारित है. रोहतगी ने ये भी कहा था कि उनका मुवक्किल अपराधी नहीं है और ना ही उसका आपराधिक इतिहास है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की बेंच ने 19 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि मुकदमा खत्म होने तक किसी को जेल में रखना सही नहीं है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया था, जिसमें आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है.

क्या है मामला?
दरअसल, 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 8 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद मामले को लेकर वहां पर हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का दौरा होना था और किसान इलाके में दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे.

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