शुक्रवार को दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी. केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. वह पिछले 156 दिनों से जेल में बंद हैं.
सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत याचिका के साथ-साथ अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी. उन्हें दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल गई थी, लेकिन सीबीआई मामले में उन्हें जमानत का इंतजार था जो शुक्रवार को पूरा हो गया. इसी के साथ केजरीवाल के जेल से बाहर आने का रास्ता भी साफ हो गया.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि लंबे समय तक कैद में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित करना है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. बता दें कि जमानत के लिए केजरीवाल पर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए एससी ने लगाई थीं. जमानत मिलने के बाद जब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ जाएंगे तब भी वह किसी भी फाइल पर साइन यानी हस्ताक्षर नही कर पाएंगे.
यही नहीं उनके दफ्तर जाने पर भी रोक रहेगी. इसके अलावा वह इस मामले में कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. शीर्ष कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर वह ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग भी करेंगे.