बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पद से हटाने का निर्देश देने वाली एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि नीतीश कुमार की सीएम पद पर नियुक्ति भारत के संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि चुनाव के बाद गठबंधन को दलबदल कानून और संविधान की 10वीं अनुसूची की शर्तों के अधीन अनुमति दी गई है. ऐसे में इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जाता है.
याचिकाकर्ता चंदन कुमार ने कोर्ट में कहा गया था कि नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले भाजपा के साथ गठबंधन किया था. बाद में उन्होंने राजद के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली, यह मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी है.
इसलिए मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी करने के आधार पर उन्हें सीएम पद से हटाने का निर्देश दिया जाए. इस दौरान उन्होंने मांग कि कोर्ट संसद को दलबदल कानून और 10वीं अनुसूची में संशोधन करने के लिए कानून बनाने का निर्देश दे.