महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा खेला हो गया है. जिस बात की लंबे वक्त से अटकलें चल रही थीं, कुछ वैसा ही अब होने लगा है. दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि शरद पवार कुछ बड़ा कर सकते हैं. इसी कड़ी में अब अजित पवार की एनसीपी को बड़ा झटका लगा है.
ये झटका चार विधायकों के तौर पर लगा है. विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के चार विधायकों ने इस्तीफा देकर शरद पवार का दामन थाम लिया है. बता दें कि हाल में शरद पवार और छगन भुजबल की 45 मिनट की लंबी मुलाकात चली थी. इस मुलाकात के बाद ही अटकलें लगने लगी थीं कि जल्द ही कुछ हो सकता है.
महाराष्ट्र में जिन अजित पवार गुट की एनसीपी के नेताओं ने इस्तीफा दिया है उनमें पिंपरी-चिंचवाड़ यूनिट के चीफ अजित गवाहाने, छात्रविंग के प्रमुख यश साने, पूर्व पार्षद राहुल भोसले और पंकज भालेकर प्रमुख रूप से शामिल हैं. इनके इस्तीफा देने के बाद ही ये कयास लगने शुरू हो गए थे कि ये सभी शरद पवार का दामन थामेंगे और हुआ भी वैसा ही.
सूत्रों की मानें तो अभी महाराष्ट्र में सियासी घमासान खत्म नहीं हुआ है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द ही अजित पवार को एक और बड़ा झटका लग सकता है. प्रदेश के दिग्गज नेता छगन भुजबल भी जल्द ही अजित पवार का साथ छोड़ कर चाचा शरद पवार के खेमे में शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि बीते दिनों हुई शरद पवार और भुजबल की मीटिंग के दौरान इस बात पर चर्चा हुई थी कि कितने लोग अजित गुट से दोबारा शरद पवार को जॉइन कर सकते हैं. भुजबल ने उन्हें ये भी बताया था कि किन-किन लोगों को वह दोबारा अपनी पार्टी में शामिल करें जिन्होंने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का काम नहीं किया.
शरद पवार पहले ही अपने बयानों से साफ कर चुके थे कि वह उन्हीं लोगों को अपनी पार्टी में दोबारा शामिल करेंगे जिन्होंने उनकी और पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया. बहरहाल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले ही शरद पवार की लामबंदी शुरू हो गई है. आगे भी इसी दिशा में काम चलता रहा तो इस बार महायुती के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.