कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश जारकीहोली के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. सतीश जारकीहोली ने रविवार (6 नवंबर) को एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया था कि ‘हिंदू’ शब्द फारसी है और इसका अर्थ बहुत गंदा है. उनके इस बयान से जहां पार्टी ने किनारा कर लिया है तो वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया है.
इसी बीच सतीश जारकीहोली अपने बयान पर अभी भी कायम हैं. उन्होंने मंगलवार (8 नवंबर) को कहा कि सभी को साबित करने दें कि मैं गलत हूं. अगर मैं गलत हूं, तो मैं विधायक के रूप में इस्तीफा दे दूंगा और अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगूंगा.
सतीश जारकीहोली के बयान को लेकर बीजेपी नेता और कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने मंगलवार (8 नवंबर) को कहा कि वे आधे ज्ञान के साथ एक समुदाय के मतदाताओं को खुश करने के लिए बयान देते हैं और अल्पसंख्यक वोट पाने का सपना देखते हैं. ये राष्ट्र विरोधी है और सभी को इसकी निंदा करनी चाहिए. क्या राहुल गांधी और सिद्धारमैया की चुप्पी सतीश के बयानों का समर्थन कर रही है?
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने सतीश जारकीहोली के बयान खुद को अलग बताया है. कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि सतीश जारकीहोली का बयान उनकी निजी राय है न कि कांग्रेस पार्टी की राय, हम इस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगेंगे. कांग्रेस पार्टी सभी धर्मों का समर्थन करती है और उनके बयान से सहमत नहीं है.
क्या कहा था सतीश जारकीहोली ने
सतीश जारकीहोली ने रविवार (6 नवंबर) को निप्पनी इलाके में ‘मानव बंधुत्व वेदिके’ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यहां के लोगों पर एक शब्द और एक धर्म को जबरदस्ती थोपा जा रहा है और इस संबंध में उचित बहस होनी चाहिए.
सतीश ने कहा था कि हिंदू शब्द कहां से आया? क्या यह हमारा है? यह फारसी है. फारसी ईरान, इराक, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान से है. भारत का इससे क्या संबंध है? फिर हिंदू आपका कैसे हो गया? इस पर बहस होनी चाहिए.
उन्होंने कहा था कि विकिपीडिया को देखें, यह शब्द (हिंदू) कहां से आया है? यह आपका नहीं है. फिर आप इसे इतने ऊंचे स्थान पर क्यों रख रहे हैं? यदि आप इसका अर्थ समझते हैं, तो आपको शर्म आएगी. हिंदू शब्द का अर्थ बहुत गंदा है. यह मैं नहीं कह रहा हूं, स्वामी जी ने यह कहा है, यह वेबसाइटों पर है.