मानहानि के एक केस में राहुल गांधी की सदस्यता के जाने के बाद सियासी हलचल तेज है. इसी बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा के सदस्य संजय राउत को लेकर भी बड़ी खबर सामने आ रही है. संजय राउत के खिलाफ खिलाफ विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव पर नोटिस को लेकर कार्रवाई हो सकती है. संजय राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव राज्यसभा भेजा जा रहा है. शनिवार को महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने विशेषाधिकार हनन नोटिस पर संजय राउत के जवाब को ‘असंतोषजनक’ बताया है. इसे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पास भेज दिया गया है.
दरअसल, विधान मंडल को ‘चोर मंडल’ कहने के लिए संजय राउत के खिलाफ पिछले महीने विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी किया गया था. बयान के बाद में संजय राउत ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने सिर्फ शिंदे गुट के लिए ऐसी टिप्पणी की थी. महाराष्ट्र विधानसभा ने प्रथम दृष्टया शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का दोषी पाया है. विधिमंडल में चोरों का गिरोह है, उनकी ऐसी टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ उल्लंघन का प्रस्ताव रखा गया था.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में कहा कि विशेषाधिकार नोटिस पर राउत का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि उनके बयान से विशेषाधिकार का हनन हुआ है, लेकिन नियम के अनुसार, इसे राज्यसभा सचिवालय को भेजा गया है क्योंकि राउत राज्यसभा के सदस्य हैं.”
उपसभापति नीलम गोरहे ने विधान परिषद में कहा कि संजय राउत ने अपने जवाब में सदन की विशेषाधिकार समिति की निष्पक्षता और कामकाज पर सवाल उठाए हैं. इसलिए मैं उनके जवाब से पूरी तरह सहमत नहीं हूं और मुझे यह संतोषजनक नहीं लगा. इसी कारण से मैं विशेषाधिकार हनन नोटिस को उचित कार्रवाई के लिए राज्यसभा के सभापति और उपसभापति को भेज रही हूं.
गौरतलब है कि संजय राउत ने कोल्हापुर दौरे पर 1 मार्च को मीडिया से चर्चा के दौरान विधानमंडल को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यह विधानमंडल नहीं, ‘चोर मंडली’ है. इसके बाद विधायक अतुल भातखलकर ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग की थी. उन पर महाराष्ट्र विधानमंडल, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के अपमान का आरोप लगाया गया. उसी दिन राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा गया.