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हेट स्पीच मामला: आजम खान को तीन साल की सजा

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सपा नेता आजम खान

हेट स्पीच मामले में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुनाई. आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई गई है और साथ ही 2000 हजार जुर्माना भी लगाया. ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई है. हालांकि, आजम खान को जमानत भी मिल गई है. हेट स्पीच का ये मामला साल 2019 का है.

सजा के एलान और जमानत मिलने के बाद आजम खान मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा, “बेल मैंडेटरी प्रोविजन है. उस बिनाह पर बेल पर हूं. लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया. हिम्मत नहीं हारा, दरवाजे बंद नहीं हुए हैं और लड़ाई जारी रहेगी. अभी कानूनी रास्ते खुले हैं. ऊपरी अदालत में अपील करेंगे.”

यह पहले ही साफ था कि अगर आजम खान को 2 साल से ज्यादा की सजा होती है, तो उनका राजनीतिक करियर संकट में पड़ जाएगा और विधायकी में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. इसलिए कोर्ट में बहस करीब 1.30 घंटे तक चली, क्योंकि आजम खान के वकील इस बात की पुरजोर कोशिश करते रहे कि उन्हें सजा कम से कम हो.

वहीं, अभियोजन पक्ष की कोशिश रही कि आजम को नियमानुसार लंबी सजा हो. अब आजम खान चाहें तो इस फैसले को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. फिर, यह जज का फैसला होगा कि मामला सुनने योग्या है या नहीं.

बता दें, आजम खान रामपुर से 10 बार के विधायक रहे हैं और सपा के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक हैं. ऐसे में उनकी विधायकी जाने का डर समाजवादी पार्टी के लिए काफी बड़ा है. याद हो, अयोध्या की गोसाईगंज से बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी की भी सदस्यता रद्द हो गई थी, जब कोर्ट ने उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी.

बता दें, आजम खान रामपुर से 10 बार के विधायक रहे हैं और सपा के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक हैं. ऐसे में उनकी विधायकी जाने का डर समाजवादी पार्टी के लिए काफी बड़ा है. याद हो, अयोध्या की गोसाईगंज से बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी की भी सदस्यता रद्द हो गई थी, जब कोर्ट ने उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी.

बता दें हेट स्पीच से जुड़ा यह मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है. 27 जुलाई 2019 को बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान के खिलाफ केस दर्ज कराया था. आरोप था कि रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर जनता को संबोधित करते हुए आजम खान ने एक चुनावी भाषण दिया था.

इस दौरान आजम खान ने सीएम योगी, पीएम मोदी और तत्कालीन डीएम को लेकर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. 3 साल बाद, 27 अक्टूबर 2022 को इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद आजम खान को दोषी करार दिया और सजा का एलान किया.

बताया जा रहा है कि सजा के एलान से पहले, कोर्ट परिसर के पास सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी. भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात थी और कोर्ट परिसर के गेट के पास पुलिसकर्मी हाई अलर्ट पर थे.

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