पार्टी लाइन से हटकर लगातार बयानबाजी करना सपा की पूर्व प्रवक्ता रोली मिश्रा तिवारी और सपा नेत्री ऋचा सिंह को भरी पड़ गया. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस पर की गई टिप्पणी का विरोध करने वाली रोली मिश्रा तिवारी और ऋचा सिंह को पार्टी ने अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देंगे. इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कई तरह के सवाल कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से रोली तिवारी और ऋचा सिंह को पार्टी से बाहर देने की जानकारी देते हुए लिखा,”श्रीमती रोली तिवारी मिश्रा और सुश्री ऋचा सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया जाता है.” इस खबर के सोशल मीडिया पर आते ही कई तरह के सवाल करने लगे. कुछ लोगों ने कहा कि ये सपा के लिए अच्छा नहीं हैं, वहीं कुछ यूज़र्स ने अखिलेश यादव से अपना फैसला वापस लेने की बात कही.
@askrajeshsahu नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”रोली तिवारी का निकालना समझ आता है. ऋचा जी तो बढ़िया नेता थी. इनका रहना पार्टी में जरूरी था. हालांकि मुझे उम्मीद है कि ऋचा जी दोबारा आएंगी.” @Reetesh777 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- समाजवादी पार्टी को कभी ब्राह्मण, ठाकुर और बनियों की जरूरत नहीं थी सिर्फ़ सत्ता के लालच हेतु सवर्णों को मिलाया गया था और अब एक एक करके हटाया जा रहा है.
@Tiwari_801 नाम के एक ट्विटर यूजर द्वारा कमेंट किया गया- अच्छा ही हुआ, वैसे भी सनातन धर्म को मानने वाले, और सनातन धर्म का सपोर्ट करने वालों का समाजवादी पार्टी में क्या काम.