दिल्ली| मंगलवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में ही पारित हो चुका है. कांग्रेस नेता का यह बयान तब आया, जबकि केंद्र ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग वाला कानून सदन में पेश किया.
खड़गे ने नए संसद भवन में राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कहा, “वे हमें श्रेय नहीं देते हैं, लेकिन मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि महिला आरक्षण विधेयक 2010 में पहले ही पारित हो चुका था, लेकिन इसे रोक दिया गया था.”
खड़गे ने आगे कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनते जो शिक्षित हैं और लड़ सकती हैं. उनके इस बयान से सत्ता पक्ष में विरोध शुरू हो गया.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खड़गे पर पलटवार करते हुए कहा, ”हम विपक्ष के नेता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह व्यापक बयान देना कि सभी पार्टियां ऐसी महिलाओं को चुनती हैं जो प्रभावी नहीं हैं, बिल्कुल अस्वीकार्य है. हम सभी को हमारी पार्टी, पीएम ने सशक्त बनाया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सशक्त महिला हैं.”
सीतारमण को जवाब देते हुए खड़गे ने कहा, ”पिछड़े, एसटी की महिलाओं को ऐसे मौके नहीं मिलते जो उन्हें मिल रहे हैं, यही हम कह रहे हैं.”