बुधवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वायनाड आपदा पर अपनी बात रखी. उन्होंने इस आपदा में सबके एक साथ आने, एकजुटता दिखाने के लिए आभार जताया है और सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने व बचे हुए पीड़ितों के लिए मदद की मांग की.
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, “कुछ दिन पहले मैं अपनी बहन के साथ वायनाड गया था और इस त्रासदी से होने वाली तबाही, दर्द और पीड़ा को प्रत्यक्ष रूप से देखा. 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई लापता हैं, लेकिन अंतिम हताहतों की संख्या 400 से अधिक होने की उम्मीद है.”
इस आपदा में सबके साथ आने की राहुल ने की तारीफ
“मैं विभिन्न विभागों के काम की सराहना करना चाहूंगा. यह देखकर अच्छा लगा कि सभी समुदाय एक साथ आए और मदद की.”
“यह खुशी की बात है हर विचारधारा, हर समुदाय के लोग इस आपदा में साथ आए हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं. ढांचा और मकान बनाने से लेकर हर तरह की मदद में वे साथ आए हैं. तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना सभी राज्य मदद को आगे आए हैं.”
“मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं:
• एक व्यापक पुनर्वास पैकेज प्रदान करें.
• लोगों को मिलने वाले मुआवजे में वृद्धि करें.
• वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें.”
गांधी ने कहा, “आखिर में मैं केंद्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करता हूं. आपदा में कुछ परिवारों के केवल बच्चे बचे हैं या किसी परिवार का कोई सदस्य बचा है, जिसकी अलग से जिम्मेदारी ली जानी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि इस तरह की और आपदाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में भी हो रही हैं, उन पर भी ध्यान दिया जाए.
इससे पहले जब राहुल गांधी खड़े हुए तो लोकसभा में सत्तापक्ष के लोग हंगामा करने लगे, जिस पर गांधी ने आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा है, हंगाम हो रहा है.”