राहुल गांधी की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, ‘अगर राहत नहीं मिली तो गंवा देंगे आठ साल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की. जिसमें सूरत ट्रायल कोर्ट के सजा आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई. राहुल गांधी की याचिका में कहा गया है कि ‘अगर याचिकाकर्ता को राहत नहीं दी गई तो वह अपने करियर के आठ साल गंवा देंगे.’

क्योंकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा पाने वाला शख्स जेल की अवधि और सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूर्णेश मोदी की अर्जी पर उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है. यह मामला न तो गंभीर प्रकृति का था और न ही ‘नैतिक अधमता’ की श्रेणी में आता था, जिसके लिए इतनी कड़ी सजा दी जानी चाहिए. पूर्णेश मोदी के वकील पीएस सुधीर ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राहुल गांधी को हाईकोर्ट के फैसले पर कोई एकतरफा रोक न मिले.

शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘जब किसी राजनीतिक भाषण के दौरान कथित रूप से अपमानजनक या मानहानिकारक शब्द बोले गए हों, तो यह समझा जाना चाहिए कि यह किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाकर किया गया है, न कि किसी वर्ग या समुदाय के खिलाफ.’

राहुल गांधी ने कहा कि ‘अपमानजनक भाषण या वाक्य के बारे में साक्ष्य अधिनियम या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संदर्भ में कोई सबूत नहीं है, जो कार्यवाही को उचित ठहराने के लिए पेश किया गया हो.’ राहुल गांधी ने कहा कि वह एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और मानहानि के ‘मामूली आधार’ पर उन्हें दोषी ठहराए जाने और अधिकतम दो साल की सजा दिए जाने से निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को संसद में आवाज उठाने और देश के लोकतांत्रिक शासन में भाग लेने से रोका गया. उन्होंने कहा कि दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगाने से वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को महीनों तक प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से अपूरणीय क्षति होगी.

राहुल ने शिकायतकर्ता के इस दावे को खारिज करने की कोशिश की कि उनके भाषण ने मोदी उपनाम वाले लोगों को बदनाम किया है. उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘सबसे पहले शिकायतकर्ता के अनुसार एक अपरिभाषित अनाकार समूह, जिसमें 13 करोड़ लोग शामिल हैं, उसे बदनाम किया गया है. जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में मोदी उपनाम विभिन्न समुदायों और उप-समुदायों के लोग उपयोग करते हैं, जिनमें आमतौर पर कोई समानता या एकरूपता नहीं होती है.’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाषण में वो तीन व्यक्ति जो संभवतः पूर्वाग्रह का शिकार हो सकते थे, उन लोगों ने मुकदमा या शिकायत नहीं की है.’ तीसरे, शिकायतकर्ता ने कबूल किया कि वह मोध वनिका समाज से आता है. यह मोदी उपनाम के साथ जुड़ा नहीं है.












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