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राहुल गांधी की सजा के एलान पर बोलीं प्रियंका गांधी वाड्रा, ‘मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे…’

प्रियंका गाँधी वाड्रा
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गुरुवार को मानहानि के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुजरात की एक अदालत ने दोषी करार दिया है और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है. राहुल गांधी को सजा मिलते ही बेल भी मिल गई है. उनकी सजा पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी गई है. वहीं अब उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कोर्ट के फैसले को लेकर सरकार पर सीधे तौर पर निशाना साधा है.

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे. सच बोलते हुए जिए हैं, सच बोलते रहेंगे. देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे.” उन्होंने आगे लिखा, “सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है.”

कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा ईश्वर है, अहिंसा इसे प्राप्त करने का साधन है- महात्मा गांधी.” वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “उन्हें ज़मानत मिल गई है. ये (BJP) लोग पहले जज को बदलते गए, हमें अंदाजा लग रहा था, लेकिन हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं. कानून के तहत ही हम लड़ेंगे.”

सूरत सेशंस कोर्ट के फैसले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “आज न्यायपालिका पर दबाव है… राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणी चलती रहती हैं. ऐसी टिप्पणियां अटल जी ने, आडवाणी जी ने पता नहीं कितनी की होंगी, लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज नहीं होता था. हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा.”

क्या है मामला?
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, “क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी.

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