सोमवार(18 जुलाई) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आमने सामने हैं. मतदान की प्रक्रिया के बीच उन्होंने चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वो सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ रहे बल्कि व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहे हैं.
आज एजेंसियां इतनी शक्तिशाली हो चुकी हैं कि वे दलों को तोड़ रही हैं. लोगों को वोट देने के लिए मजबूर कर रही हैं. इसके साथ ही पैसे का भी खेल है. उन्होंने कहा कि हार के डर से चुनौतियों का सामना करना नहीं छोड़ा जा सकता है. जहां तक चुनावी नतीजों का सवाल है तो उन्हें पूर्ण रूप से भरोसा है कि वो चुनावी समर में विजय हासिल करेंगे.
यह चुनाव बेहद अहम है, देश के लोकतंत्र की राह तय करेगा, चाहे रहेगा या खत्म. मैं सभी मतदाताओं से अपील करता हूं कि वे अपने दिल की सुनें. यह एक गुप्त मतदान है, मुझे उम्मीद है कि वे अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे और लोकतंत्र को बचाने के लिए मुझे चुनेंगे.
उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि जब संवैधानिक संस्थाओं को कुछ खास मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो आने वाला समय कैसा होगा. भारत के अस्तित्व पर संकट है. आज एक तरह का माहौल बना दिया गया है कि जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाए वो देश की खिलाफत कर रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है. स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि विरोध की आवाज को भी सम्मान दिया जाए.