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आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज बने केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा मंजूर

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आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ विधायक आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को अरविंद केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई. मंत्रालय ने बताया, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री की सलाह पर देश की राष्ट्रपति ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज को दिल्ली कैबिनेट में मंत्रियों के रूप में नियुक्त किया.

सौरभ भारद्वाज वर्तमान में आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं. ग्रेटर कैलाश से विधायक भारद्वाज केजरीवाल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री भी थे. वहीं कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली आतिशी, सिसोदिया के शिक्षा दल की प्रमुख सदस्य रही हैं. उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, हांलाकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गौतम गंभीर के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

उधर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार में ताकतवर नेता में शुमार किए जाने वाले मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया है. भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से जेल में बंद सिसोदिया और जैन ने 28 फरवरी को अरविंद केजरीवाल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. इसे लेकर गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया.’

बता दें कि सिसोदिया और जैन के इस्तीफे के बाद दिल्ली कैबिनेट में दो पद खाली हुए थे. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर आतिशी और भारद्वाज के नाम की सिफारिश की थी.

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम केजरीवाल द्वारा की गई सिफारिश को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेज दी थी. अधिकारियों ने बताया था आतिशी और भारद्वाज की नियुक्ति तभी प्रभावी होगी, जब राष्ट्रपति मनीष सिसोदिया एवं सत्येंद्र जैन के इस्तीफे स्वीकार कर लेंगी.

राजनिवास के एक अधिकारी ने बताया था, ‘एक मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज को मंत्रियों के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश मिलने पर उपराज्यपाल ने उसी दिन राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश की. चूंकि दिल्ली में कभी भी केवल छह मंत्री हो सकते हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति तभी प्रभावी होगी जब राष्ट्रपति द्वारा मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा. ठीक एक दिन पहले 28 फरवरी को राष्ट्रपति को सिसोदिया और जैन का इस्तीफा भेजा गया था.’

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