संसद के मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते में लोकसभा में विपक्षी गठबंधन INDIA के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के आखिरी दिन (10 अगस्त) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोपों का जवाब दिया.
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने विरोधी दलों पर तंज कसते हुए कहा, ”अध्यक्ष जी देखिए मजा इस डिबेट का कि फील्डिंग विपक्ष ने ऑर्गनआइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे. विपक्ष नो कॉन्फिडेंस मोशन पर नो बॉल पर नो बॉल की करता जा रहा है. इधर से सेंचुरी हो रही है, उधर से नो बॉल हो रही है.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”मैं हमारे विपक्ष के साथियों से यही कहूंगा कि आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी.” इस पर सत्ता पक्ष के सांसद हंस पड़े. विपक्षी सांसदों से पीएम मोदी ने आगे कहा, ”थोड़ी मेहनत कीजिए, मैंने पांच साल दिए आपको मेहनत करने के लिए, 18 में कहा था कि 23 में आप आना, जरूर आना, पांच साल भी नहीं कर पाए आप. क्या हाल आप लोगों का…”
पीएम मोदी ने कहा, ”विपक्ष के हमारे साथियों को दिखास की, छपास की बहुत इच्छा रहती है और पर स्वाभाविक भी है लेकिन आप ये मत भूलिए कि देश भी आपको देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है, लेकिन हर बार देश को आपने निराशा के सिवा कुछ नहीं दिया है. विपक्ष के रवैये पर भी मैं कहूंगा कि जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं.”
पीएम मोदी ने कहा, ”इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ चीजें ऐसी विचित्र नजर आईं, जो न तो पहले कभी सुना है, न देखा है, न कभी कल्पना की है. सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूचि में नाम ही नहीं था. पिछले उदाहरण देखिए, 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, शरद पवार साहब उस समय नेतृत्व कर रहे थे, उन्होंने डिबेट का नेतृत्व किया. 2003 में अटल जी की सरकार थी, सोनिया जी विपक्ष की नेता थीं, उन्होंने लीड ली, उन्होंने विस्तार से अविश्वास प्रस्ताव रखा, 2018 में खरगे जी थे विपक्ष के नेता, उन्होंने प्रॉमिनेंटली विषय को आगे बढ़ाया लेकिन इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया, उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया.”
पीएम मोदी ने कहा, ”ये तो कल अमित भाई ने बहुत-बहुत जिम्मेवारी के साथ कहा कि भाई अच्छा नहीं लग रहा है और आपकी (लोकसभा अध्यक्ष) उदारता थी कि उनका समय समाप्त हो गया था तो भी आपने उनको आज मौका दिया लेकिन ‘गुड़ का गोबर कैसे करना, उसमें ये माहिर हैं.”’ पीएम मोदी के इतना बोलने पर सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच सदन में ठहाके लगे.
बता दें कि मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन लगातार पीएम मोदी की बयान की मांग संसद में कर रहा था. विपक्षी गठबंधन का कहना है कि उसने पीएम मोदी को सदन में लाने और उनकी चुप्पी तुड़वाने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लाने का विकल्प अपनाया.
अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा मंगलवार (8 अगस्त) को शुरू हुई थी. बुधवार (9 अगस्त) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया था. उन्होंने मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे.