नरोदा गाम नरसंहार मामले में गुजरात की अदालत ने 68 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इन आरोपियों में दो नाम माया कोडनानी और बाबू बजरंगी खास थे. अदालत के इस फैसले पर सियासी दलों और चेहरों ने प्रतिक्रिया दी.
बीजेपी ने जहां सत्य की जीत बताया तो विपक्षी दलों ने इसे मजाक बताया. इन सबके बीच एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मशहूर शायर रहे राहत इंदौरी की शेर के जरिए मौजूदा गुजरात और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि जिधर से गुज़रो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो.तुम्हें सियासत ने हक दिया है,हरी जमीनों को लाल कर दो.अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम.जिसे भी चाहो हराम कह दो,जिसे भी चाहो हलाल कर दो.
एक यूजर ने लिखा था कि 2002 में नरोदा में मुस्लिम समाज के 11 लोगों को जिंदा जला दिया गया. लेकिन अब सभी आरोपी बरी हो चुके हैं. इसका अर्थ यह है कि उन्हें किसी ने नहीं मारा.
विशेष न्यायाधीश एस के बक्शी की अदालत ने गोधरा मामले के बाद भड़के भीषण दंगों में से एक नरोदा गाम दंगों से जुड़े इस बड़े मामले में सभी आरोपियों को गुरुवार को बरी कर दिया था. इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल ने की थी.
जिन आरोपियों को बरी किया गया उनमें कोडनानी, विहिप नेता जयदीप पटेल और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी शामिल हैं.गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे.