समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बीच जारी बयानबाजी के बाद गठबंधन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि सपा-सुभासपा गठबंधन में दरार को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि उनकी तरफ से सब ठीक है.
उन्होंने कहा कि वे गठबंधन का धर्म निभा रहे हैं और वे तलाक नहीं दे सकते, क्योंकि कमजोर कभी तलाक नहीं देता. साथ ही राजभर ने यह भी कहा कि अगर अखिलेश यादव गठबंधन तोड़ते हैं तो फिर वह भविष्य की रणनीति पर विचार करेंगे.
बलिया में पत्रकारों से बातचीत में राजभर ने कहा कि मेरी तरफ से ऑल इज वेल है.उन्होंने कहा कि हम तलाक नहीं दे सकते. कमजोर कभी तलाक दिया है क्या? उन्होंने कहा कि सपा-सुभासपा गठबन्धन में कोई दरार नहीं है. उन्होंने दावा किया कि हम गठबंधन धर्म को लेकर कटिबद्ध हैं. राजभर ने कहा कि अखिलेश गठबंधन तोड़ेंगे तो देखा जायेगा. उसके बाद हम नया गठबंधन बनाएंगे.
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहाकि राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू जी ने हमसे समर्थन की अपील की है, जबकि यशवंत सिन्हा जी के समर्थन के लिए अखिलेश जी अगुवाई कर रहे हैं.
राजभर ने कहा कि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में अखिलेश यादव ने को प्रेस कांफ्रेंस की थी उसमें उन्हें नहीं बुलाया गया. राजभर ने कहा कि गठबंधन के अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी को बुलाया गया था.
गौरतलब है कि पिछले दिनों विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर दोनों शामिल नहीं हुए थे.
इसके बाद सीएम योगी द्वारा एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आयोजित डिनर में शिवपाल यादव और राजभर दोनों शामिल हुए और उन्होंने उनका समर्थन किया है. मुख्यमंत्री के डिनर डिप्लोमेसी के बाद सुभासपा और सपा गठबंधन को लेकर कयास शुरू हो गए हैं.