बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इन मौतों की जांच एसआईटी से कराने के लिए शुक्रवार को शीर्ष न्यायालय में एक अर्जी दाखिल हुई. वहीं, विपक्ष के निशाने पर आए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर शराब पीने वालों को हिदायत देते नजर आए.
शुक्रवार को विधानसभा में उन्होंने हा कि दूसरे राज्यों में भी जहरीली शराब से लोगों की मौत होती है लेकिन उसे इतना तूल नहीं दिया जाता लेकिन बिहार की छोटी घटना को भी बड़े स्तर पर पेश किया जाता है. नीतीश ने कहा कि दारू पीकर मरने वाले लोगों को उनकी सरकार मुआवाज नहीं देगी बल्कि इस बात का प्रचार जोर-शोर से करेगी कि जो शराब पीएगा उसकी मौत होगी.
अपनी शराबबंदी नीति को लेकर हो रहे चौतरफा हमलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि यदि लोग जहरीली शराब पीएंगे, तो वे मरेंगे. पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 55 से ज्यादा हो गई.
इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने उस रुख पर कायम रहे कि शराबबंदी ‘मेरी व्यक्तिगत इच्छा से लागू नहीं की गई, बल्कि राज्य की महिलाओं के अनुरोध पर इसे लागू किया गया.’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘जो पिएगा वो मरेगा.’
इस घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन भी राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत ‘महागठबंधन’ सरकार और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. विपक्षी दल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और शराबबंदी कानून के प्रावधानों की ‘समीक्षा’किए जाने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की. चुनावी रणनीतिकार एवं कार्यकर्ता प्रशांत किशोर ने इस कानून को वापस लेने का अनुरोध किया है.
बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है. अब सीवान ले से नया मामला सामने आया जहां जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई है. मामला सिवान के भगवानपुर थाना क्षेत्र का है. मरने वालों में से एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार भी हो चुका है. वहीं छपरा में जहरीली शराब से अब तक 53 की मौत हो गई है.