बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. नीतीश अपनी पार्टी जेडीयू की बैठक में एनडीए से अलग होने का फैसला लिए जाने के बाद राज्यपाल से मिलने पहुंचे.
नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल को नई सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा. वहीं बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक की आम सहमति थी कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए.
इससे पहले सुबह राजद और जदयू दोनों ने अपने नेताओं की साथ बैठक की. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हुई पार्टी की बैठक में लेफ्ट के नेता शामिल हुए. सूत्रों का कहना है कि नीतीश को समर्थन देने को लेकर राजद ने तीन शर्तें रखी हैं.
पहली शर्त डिप्टी सीएम, दूसरी गृह मंत्रालय और तीसरी स्पीकर राजद कोटे से बनाने की मांग की गई है. बिहार में राजद के समर्थन से सरकार बनती देख उसके कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी ट्वीट किए हैं.
उधर कांग्रेस ने बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मंगलवार को कहा कि प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने में मदद के लिए वह गैर-भाजपा सरकार का समर्थन करेगी.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश में राष्ट्रीय जनता दल के फैसले और अपने विधायकों की राय के आधार पर आगे कदम उठाएगी तथा पार्टी के भीतर इस पर सहमति है कि सत्ता परिवर्तन होने पर वह गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के साथ होगी.