झारखंड में अब सियासी संकट नया मोड़ ले चुका है. लाभ के पद पर घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को रद कर दी थी. अब चुनाव आयोग आज नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा नहीं दिया है.
बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच हेमंत सोरेन को अब अपनी सरकार बचाने के भी लाले पड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा भी सक्रिय हो गई है. इस बीच सीएम हेमंत सोरेन ने महागठबंधन दलों के विधायकों के साथ लंबी बैठक की.
हेमंत सोरेन को अब अपने विधायकों के बाड़ेबंदी (खरीद-फरोख्त) का खतरा सता रहा है. सीएम हाउस में महागठबंधन के विधायकों की बैठक खत्म हो गई है. तीन लग्जरी बसों से विधायकों को सीएम हाउस से कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है. बैठक में हिस्सा लेने आए कुछ विधायक मुख्यमंत्री आवास में अपनी गाड़ियों में बैग रखकर जाते हुए दिखाई दिए हैं. बसों में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सवार हैं.
फिलहाल हेमंत सोरेन भी गठबंधन दलों के विधायकों के साथ मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जाएगा. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी थी, जिसमें चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद करने की भी सिफारिश की है.
हालांकि सीएम दफ्तर की ओर से कहा गया था कि इस संबंध में उन्हें कोई पत्र नहीं मिला. उधर, झारखंड विधानसभा में नेता विपक्ष बाबूलाल मरांडी का कहना है हेमंत सोरेन को सीएम की कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने दावा किया कि सीएम हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं.
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा वाले पिछले पांच माह से उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. राजभवन में क्या षड्यंत्र रचा जा रहा है, पता नहीं कल क्या होगा. उन्होंने कहा, मैं आश्वस्त करता हूं कि भाजपा को हर मोर्चे पर सका मुंहतोड़ जवाब दूंगा.
आपका साथ और विश्वास ही मेरी ताकत है. बता दें कि 81 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं. सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 विधायक और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक विधायक हैं. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं.