पुणे| राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने रविवार को शिवसेना के विवाद पर अपना रुख किया है. शिवसेना के चुनाव निशान और नाम को लेकर चल रहे विवाद से पवार ने खुद को अलग कर लिया.
मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि वह शिवसेना के मौजूदा समय में चल रहे ‘धनुष और तीर’ के चुनाव निशान के झमेले में नहीं पड़ेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बारे में बात करते हुए पवार ने कहा कि ‘वह सहकारी परिषद के एक समारोह के लिए पुणे आए थे. हमारे बीच कोई विवाद नहीं है. हमने नीतिगत मुद्दों पर लंबी चर्चा की है. आज उनके भाषण के बिंदु उचित और सामयिक लगे.’
शरद पवार की ये प्रतिक्रिया चुनाव आके उस आदेश के बाद आई है, जिसमें पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव निशान ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया गया.
चुनाव आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट में भारी गुस्सा है. जबकि शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया. बहरहाल उद्धव ठाकरे गुट ने कहा है कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग पर ‘बीजेपी के एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया.
जबकि शुक्रवार को शरद पवार ने कहा था कि ‘यह चुनाव आयोग का फैसला है. एक बार फैसला हो जाने के बाद इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती. इसे कबूल करें और एक नया चुनाव निशान लें. इस पुराने चुनाव निशान के नहीं मिलने से कोई बड़ा असर नहीं होने वाला है क्योंकि लोग नए चुनाव निशान को अपना लेंगे.’
पवार ने कहा कि ‘मुझे याद है कि इंदिरा गांधी ने भी इस हालात का सामना किया था. कांग्रेस के पास तब ‘दो बैलों’ की जोड़ी का चुनाव निशान था. बाद में वो उनको नहीं मिला और उन्होंने ‘हाथ का पंजा’ को एक नया चुनाव निशान बनाया. लोगों ने उसे अपना लिया. इसी तरह लोग उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नए चुनाव निशान को भी अपना लेंगे.’