लक्षद्वीप के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है. इस फैसले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने की उम्मीद है. फैजल को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने और 10 साल के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद जनवरी में लोकसभा सचिवालय ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था.
फिर उन्होंने सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में अर्जी डाली. कोर्ट ने दोषी ठहराये जाने और सजा के फैसले को सस्पेंड कर दिया. इसके बाद लोकसभा सचिवालय को उनकी सदस्यता बहाल करनी पड़ी. इस मामले पर गौर करें तो स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी की सदस्यता भी बहाल हो सकती है.
गौर हो कि मोदी सरनेम के मामले में सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई. कानून के मुताबिक दो साल या दो साल से अधिक की सजा होने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता खत्म हो जाती है. चाहे वह सांसद या विधायक क्यों न हो. इसी कानून के तहत मानहानि मामले में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई. राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2019 में केरल के वायनाड से सांसद चुने गए थे.
मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी की भी संसद सदस्यता बहाल हो सकती है. इसके लिए एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल की बहाली प्रक्रिया को समझना होगा. उन्होंने कैसे अपनी सदस्यता वापस ले ली. कवरत्ती सत्र अदालत ने 11 जनवरी 2023 को हत्या की कोशिश में दोषी माना और 10 साल की सजा सुनाई. फैजल ने इसके खिलाफ केरल हाईकोर्ट में अपील की.
इसी बीच लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर उसकी सदस्यता रद्द कर दी. कानून के मुताबिक सजा सुनाए जाने के दिन से ही सदस्यता रद्द मानी जाती है. फिर चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप में उपचुनाव का ऐलान कर दिया. फैजल ने चुनाव के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. उसके बाद 25 जनवरी को केरल हाईकोर्ट ने सजा को रद्द कर दिया.
फिर चुनाव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर फैसला लेगा. फिर भी उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल नहीं की गई. फिर 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस पर फैसला आने से पहले ही 29 मार्च को मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल कर दी गई.
मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई. साथ ही इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों की मोहलत भी दी. कानून के हिसाब से लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी. अगर राहुल गांधी चाहें तो उनकी संसद की सदस्यता बहाल हो सकती है.
वे अयोग्यता से बच सकते हैं. इसके लिए उन्हें सूरत की अदालत के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करनी होगी. सजा पर रोक लगाए जाने के उनकी सदस्यता बहाल हो सकती है. जैसे मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता वापस हुई.