पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को वाराणसी जिला अदालत के हालिया फैसले को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसले से दंगे भड़केंगे और सांप्रदायिक माहौल बनेगा, लेकिन विडंबना ये है कि ये सब बीजेपी के एजेंडे में है. अदालत अब हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनकी मूर्तियां मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं.
इतना ही नहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अदालतें अपने खुद के फैसलों का पालन नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि अदालतों ने फैसला सुनाया था कि 1947 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखी जाए. बीजेपी बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई को खत्म करने में विफल रही है, इसलिए वे लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं.
मस्जिद समिति की खारिज की गई याचिका में अपना पक्ष रखने के लिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का हवाला दिया गया था. एडवोकेट मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने बाद में कहा था कि मस्जिद कमेटी इलाहाबाद हाई कोर्ट में आदेश को चुनौती देगी.
वहीं वाराणसी जिला अदालत ने अब कहा है कि इस मामले में 1991 का अधिनियम लागू नहीं होता है. वकीलों ने तर्क दिया था कि भक्तों को पहले से ही साल में एक बार वहां पूजा करने की अनुमति थी.
आदेश में कहा गया है कि अधिनियम के प्रावधानों के अवलोकन से ये साफ है कि मंदिर परिसर के भीतर या बाहर में स्थापित मूर्तियों की पूजा के अधिकार का दावा करने वाले मुकदमे के संबंध में अधिनियम द्वारा कोई रोक नहीं लगाई गई है. अदालत ने अब मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 सितंबर तय की है.