बिहार की राजनीति में पिछले 3 दिनों से सियासी घमासान जारी है. आज फैसले का दिन है. राजधानी पटना में बैठकों का दौर शुरू है. जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों की साथ बैठक शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के सांसदों विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं.
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव अपनी पार्टी के विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं. इस बैठक के बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा से रिश्ता तोड़ने का एलान कर सकते हैं. फिलहाल भाजपा हाईकमान वेट एंड वॉच की स्थिति में है. हालांकि अभी तक भाजपा और जेडीयू के बीच इस बार बढ़ी दूरी का कोई ठोस कारण निकल कर नहीं आया है.
इसकी शुरुआत पिछले दिनों जदयू के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह से हुई थी. आरसीपी सिंह मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे. पिछले महीने जुलाई में उनका राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो गया था तब उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
उसके बाद आरसीपी सिंह के बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नागवार गुजरे. इसके साथ उनकी उनकी भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती भी नीतीश को अखरने लगी. हाल के दिनों में नीतीश कुमार भाजपा के कई मीटिंग में शामिल नहीं हुए. इसके बाद ही संकेत मिलने लगे थे भाजपा और जेडीयू के बीच दरार बढ़ चुकी है.
भाजपा सरकार बचाने में जुटी है. कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है. शाह ने सोमवार देर रात नीतीश कुमार से बात की है. लेकिन दोनों नेताओं के बीच बात बन नहीं पाई है. तेजस्वी यादव ने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. तेजस्वी यादव मीटिंग में विधायकों से ताजा हालात पर रायशुमारी करेंगे.
वहीं कांग्रेस ने दोपहर 1 बजे प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के आवास पर सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई है. कांग्रेस ने जदयू को सशर्त समर्थन देने का एलान किया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपनी पार्टी हम की बैठक बुलाई है. बैठक में सभी विधायकों को आने के लिए कहा गया है.
फिलहाल बिहार की राजनीति में आज अहम दिन माना जा रहा है. बिहार में जो सियासी हालात बता रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. वहीं दूसरी ओर बिहार में राजनीतिक बदलाव की अटकलों के बीच भाजपा की राज्य इकाई की ओर से कोई प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आयी है.
देर शाम पार्टी नेताओं ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर बंद कमरों में हालांकि मुलाकात की, पर क्या नतीजे रहे इस पर कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.