दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ईडी ने गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने ये जानकारी दी है. ईडी ने गुरुवार (9 मार्च) को दूसरी बार दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ की. ईडी ने इससे पहले मंगलवार को भी जेल में सिसोदिया से सवाल-जवाब किए थे.
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को बीती 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली की अदालत ने सोमवार को उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा था. सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत पर शुक्रवार को सुनवाई भी होनी है.
इससे पहले मंगलवार को ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे. ईडी ने सिसोदिया से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ली थी. अगर जांच अधिकारी को यह मानने की वजहें मिलती हैं कि व्यक्ति धन शोधन के अपराध का दोषी है तो ईडी पीएमएलए की धारा 19 लगा सकती है जिसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है.
इसी बीच आम आदमी पार्टी ने तिहाड़ जेल में मनीष सिसोदिया की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और आरोप लगाया कि उन्हें अन्य अपराधियों के साथ रखा जा रहा है. हालांकि, जेल अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को जेल में विपश्यना प्रकोष्ठ में रखने से इनकार कर दिया गया है.
उन्होंने कहा था कि मनीष सिसोदियों को विपश्यना प्रकोष्ठ में रखने के लिए अदालत ने मंजूरी दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें जेल संख्या एक में अपराधियों के साथ रखा जा रहा है. केंद्र को इसका जवाब देना चाहिए.
इन आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज करते हुए दिल्ली कारावास अधिकारियों ने कहा कि मनीष सिसोदिया को तिहाड़ की केंद्रीय जेल संख्या 1 के एक वार्ड में रखा गया है जहां कम से कम कैदी हैं और कोई खूंखार अपराधी नहीं है.