शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की थी.
शिंदे और फडणवीस ने 30 जून को पदभार ग्रहण किया था. उससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों के विद्रोह के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
महाराष्ट्र के दोनों नेताओं ने शुक्रवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और माना जा रहा है कि शाह के साथ चर्चा भाजपा एवं शिवसेना के शिंदे गुट के साथ सत्ता साझेदारी फार्मूले के इर्द-गिर्द केंद्रित रही.
शिंदे ने शनिवार को यहां महाराष्ट्र सदन में छत्रपति शिवाजी, बी आर आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले को पुष्पांजलि अर्पित कर दिन की शुरुआत की. इसके बाद, शिंदे और फडणवीस ने राष्ट्रपति भवन में कोविंद से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने रक्षा मंत्री से भी उनके आवास पर मुलाकात की.
शाह ने शुक्रवार रात ट्विटर पर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आप दोनों विश्वासपूर्वक लोगों की सेवा करेंगे और महाराष्ट्र को विकास की नयी ऊंचाइयों तक ले जायेंगे.’ शिंदे और फडणवीस का यह दिल्ली दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना धड़े की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट में 11 जुलाई को अहम सुनवाई होने वाली है.
शिंदे ने शुक्रवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा था, ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.’ उन्होंने कहा कि उनके धड़े को शिवसेना के दो तिहाई विधायकों का समर्थन प्राप्त है. शिंदे की बगावत से पहले शिवसेना के 55 विधायक थे. मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष ने हमें मान्यता भी दे दी.’
भाजपा के समर्थन से 30 जून को शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. उससे पहले उन्होंने ठाकरे के विरुद्ध बगावत की थी और ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार गिर गई थी. एकनाथ शिंदे नीत सरकार ने चार जुलाई को विश्वास मत जीता था.