राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चल रही सियासी उठापटक मतगणना के बाद भी जारी है. इन तीनों ही राज्यों में भले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन अभी तक राज्य के नए सीएम के नाम का ऐलान पार्टी नहीं कर सकी है. बीजेपी की तरफ से सीएम की रेस में कई नाम चल रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड को करना है, जो अभी तक नाम तय नहीं कर पाया है.
बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चुनौती राजस्थान में है. यहां पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे के समर्थक लगातार उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कई बार शक्ति प्रदर्शन भी किया गया है. पिछले दो दिनों में कई विधायक उनसे जाकर मुलाकात कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे के साथ 50 से ज्यादा विधायक हैं. हालांकि वसुंधरा राजे ने बुधवार (6 दिसंबर) रात यह स्पष्ट किया कि वह पार्टी विरोधी कुछ नहीं करेंगी. उनके लिए पार्टी सबसे ऊपर है. यहां हम बता रहे हैं तीनों राज्यों के वो नाम जो अभी सीएम की रेस में हैं.
राजस्थान में क्या है हाल-:
1. वसुंधरा राजे
दो बार राजस्थान की सीएम रहीं वसुंधरा राजे को बेशक पार्टी ने पूरे चुनाव अभियान से दूर रखा और पार्टी आलाकमान उन्हें सीएम नहीं बनाना चाहता, लेकिन इन सबके बाद भी वसुंधरा राजे सीएम की रेस में हैं. उनका पलड़ा इसलिए भारी लग रहा है क्योंकि उन्हें करीब 50 विधायकों का समर्थन है. ये विधायक लगातार उनसे मिल रहे हैं. ऐसे में चर्चा है कि अगर पार्टी उन्हें सीएम नहीं बनाती तो ये विधायक बागी हो सकते हैं.
2. दीया कुमारी
वसुंधरा राजे को अगर हटा दें तो उनकी गैरहाजिरी में चुनाव के समय से ही दीया कुमारी को सीएम का दावेदार माना जा रहा है. वसुंधरा राजे की तरह ही दीया कुमारी भी राजघराने से आती हैं. पार्टी आलाकमान से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं. दीया कुमारी इसलिए भी वसुंधरा राजे का पहला और मजबूत विकल्प लगती हैं, क्योंकि वह राजकुमारी हैं और उन्हें महारानी (वसुंधरा राजे) से रिप्लेस करना आसन होगा.
3. बाबा बालकनाथ
तिजारा विधानसभा पर जीत दर्ज करने से पहले बाबा बालकनाथ अलवर के सांसद थे. राजस्थान के सीएम की रेस में इनका नाम भी आगे चल रहा है. बाबा बालकनाथ ओबीसी हैं और यादव समुदाय से आते हैं. इसलिए भी पार्टी इन्हें मौका दे सकती है.
4. गजेंद्र सिंह शेखावत
गजेंद्र सिंह शेखावत वर्तमान में केंद्र सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं. एक तरफ जहां इनके केंद्र में और पार्टी के शीर्ष नेताओं ने अच्छे संबंध माने जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर इन्हें वसुंधरा राजे का विरोधी माना जाता है. फिलहाल सीएम की रेस में इनका भी नाम चल रहा है.
5. ओम बिड़ला
राजस्थान के नए सीएम की रेस में अचानक ओम बिड़ला का नाम भी आगे आ गया है. इन्हें भी अब सीएम फेस का दावेदार माना जा रहा है. कई एक्सपर्ट इनका पलड़ा ज्यादा भारी बताते हैं. उनका कहना है कि ओम बिड़ला छिपा रुस्तम हो सकते हैं. जब 2003 से 2008 तक वसुंधरा राजे सीएम थीं, तब वह संसदीय सचिव रह चुके हैं.
6. अर्जुन मेघवाल
ऊपर बताए गए नामों के अलावा अर्जुन मेघवाल भी सीएम पद की रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. वह पूर्व आईएएस रह चुके हैं. केंद्र के नेताओं से भी इनके अच्छे संबंध हैं.
मध्य प्रदेश में क्या है हलचल -:
मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री के लिए कई नामों की चर्चा है. हालांकि अभी पार्टी ने इसकी घोषणा नहीं की है.
1. शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान करीब 18 साल प्रदेश के सीएम रह चुके हैं. उन्होंने चार बार मध्य प्रदेश की कमान संभाली है. इस बार भी प्रचंड जीत के पीछे शिवराज सिंह चौहान की कल्याणकारी योजनाओं को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता काफी है. यही वजह है कि सीएम के लिए अब भी उन्हें दावेदार माना जा रहा है.
2. कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय को जिस तरह पार्टी आलाकमान केंद्र की राजनीति से वापस राज्य की राजनीति में लाया है, उससे लगता है कि वह यहां पैर जमाने की तैयीर में है. ऐसे में कैलाश भी सीएम हो सकते हैं.
3. प्रहलाद पटेल
सीएम की रेस में प्रहलाद पटेल भी काफी आगे हैं. प्रहलाद उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें सांसद होने के बाद भी पार्टी ने विधायक का चुनाव लड़ने के लिए उतारा था. प्रहलाद पटेल ने इसमें जीत भी दर्ज की है. इन्हें केंद्र का खास माना जाता है.
4. रीति पाठक
रीति पाठक भी सांसद थीं. पार्टी ने इन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा था. राज्य में महिला सीएम देने की चर्चा के बीच इनका नाम भी सीएम की रेस में है.
छत्तीसगढ़ में भी कई दावेदार-:
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की दौड़ में भी कई नाम हैं. पार्टी इनमें से किसी एक को मौका दे सकती है.
1. रमन सिंह
रमन सिंह सीएम के लिए पहला नाम इसलिए हैं, क्योंकि वह तीन बार प्रदेश के सीएम रह चुके हैं. उन्हें राजनीति में लंबा अनुभव है. यही वजह है कि सीएम की रेस में रमन सिंह भी शामिल हैं.
2. रामविचार नेताम
रामविचार नेताम की गिनती छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं में होती है. सीएम की रेस में इनका दावा भी काफी मजबूत बताया जा रहा है. दरअसल, रामविचार नेताम आदिवासी समूह के हैं. ऐसे में पार्टी इन्हें सीएम बनाकर इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करना चाहती है.
3. अरुण साव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी सीएम पद की रेस में बने हुए हैं. अरुण साव ने लोरमी विधानसभा सीट से कांग्रेस के थानेश्वर साहू को 45891 वोटों से हराया है.
विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान में सीएम रेस में शामिल हुआ एक और नाम, जानिए मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में किसका पलड़ा भारी
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