झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बुधवार को उनके करीबी प्रेम प्रकाश के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंबी पूछताछ की थी. उसके बाद आज सुबह सीएम हेमंत सोरेन के खास प्रेम प्रकाश को ईडी ने अरेस्ट कर लिया गया है.
प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. अब चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद करने को अपनी राय राज्यपाल रमेश बैस को भेज दी है. आयोग ने यह राय सोरेन के पद पर होते हुए लाभ उठाने के आरोपों के आधार पर भेजी है.
राज्यपाल थोड़ी देर में अपना फैसला सुना सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि सोरेन ने रांची में अपने पक्ष में पत्थर की खदान के पट्टे के लिए मंजूरी हासिल की थी.
खनन विभाग के दस्तावेजों को लेकर रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर आरोप लगाए हैं कि यह रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट की धाराओं का उल्लंघन है. वहीं दूसरी तरफ सीएम हेमंत सोरेन की ओर से आयोग में आरोप को निराधार बताया गया है.
आयोग से कहा गया है कि कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9ए का आरोप निराधार है. दरअसल सूचना के अधिकार (आरटीआई) के लिए काम करने वाले शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर सीबीआई और ईडी से माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी.
आरोप है कि हेमंत सोरेन ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा ली है. सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित कर करने का भी आरोप है. फिलहाल झारखंड में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है.