पटना| भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जेडीयू से इस्तीफा देने का ऐलान किया. साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी बनाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई. गौर हो कि पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आर सी पी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने उनसे जवाब मांगा है.
गौर हो कि आरसीपी सिंह का हाल में राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से सदन के लिए नहीं भेजा. कुशवाहा ने पत्र में लिखा कि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे माननीय मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस (तनिक भी सहन नहीं करने) की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं.
पत्र के साथ पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं द्वारा सिंह के खिलाफ की गई शिकायत को भी संलग्न किया गया है. जदयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई.
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व अधिकारी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था, जब कुमार केंद्रीय मंत्री थे.
सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. सिंह ने कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में पहले पांच वर्षों के दौरान प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था. बाद में जद(यू) में सिंह का वर्चस्व बढ़ता गया, जिसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि उन्हें लगातार दो बार राज्यसभा भेजा गया. कुमार के बाद सिंह जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए.
इसके बाद, सिंह पिछले साल केंद्र में मंत्री बनाए गए जिसके बारे में समझा जाता है कि कुमार की इस पर सहमति नहीं थी क्योंकि वह गठबंधन सहयोगियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व देने की बीजेपी की नीति से असहमत थे.
बिहार के मुख्यमंत्री की नाखुशी जल्द ही स्पष्ट हो गई जब सिंह को पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए कहा गया. राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया.
उधर राज्य में गठबंधन सहयोगी बीजेपी ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने एक बयान में कहा कि यह जदयू का आंतरिक मामला है. आदरणीय आरसीपी सिंह जी पर लगे आरोप जांच का विषय हैं. लेकिन हमें यह भी सुनना चाहिए कि उन्होंने जवाब में क्या कहा है.
मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि बिहार के लोग जदयू से जवाब के हकदार हैं कि यह व्यक्ति इतने लंबे समय तक कैसे यह सब करते रहे.
यदि उनके कुकर्मों में उनके आकाओं की मौन स्वीकृति थी, तो यह निंदनीय है. यदि उन्होंने उच्च पदाधिकारियों को अंधेरे में रखकर यह काम किया, तो इससे उनकी समझदारी पर सवाल उठता है.