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पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में बड़ा उलटफेर, बीजेपी के साथ आए एनसीपी -जेडीयू विधायक

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नीतीश कुमार

पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में बड़ा उलटफेर हुआ है. यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और जनता दल-यूनाइटेड के विधायक भाजपा-एनडीपीपी के गठबंधन के साथ आ गए हैं. एनसीपी के सात विधायकों और जेडीयू के एक विधायक ने भाजपा गठबंधन को अपना समर्थन दिया है. दिलचस्प बात यह है कि इस समर्थन पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की हामी है. हालांकि, भाजपा के साथ जाने के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा है.

नगालैंड में जेडीयू का एक विधायक है. विधायक के समर्थन की घोषणा करने के बाद जेडी-यू ने तत्काल प्रभाव से नगालैंड में अपनी इकाई ही भंग कर दी है. पार्टी ने कहा है कि नगालैंड के पार्टी अध्यक्ष ने केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श किए बगैर समर्थन देने का फैसला किया.

गठबंधन सरकार में एनसीपी की क्या भूमिका होगी, पार्टी की तरफ से यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है. समझा जा रहा है कि एनसीपी बाहर से गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देगी. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में नगालैंड इकाई के अध्यक्ष वंथुंगो ओडिउओ ने कहा कि सभी अन्य दलों ने सीएम नेफियू रियो को अपना समर्थन दिया है. ऐसे में हमारे सात विधायक अलग-थलग नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि समर्थन देने के बारे में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से बात की और उन्होंने अन्य दलों के साथ जाने के हमारे प्रस्ताव को मंजूरी दी.

नगालैंड में एनसीपी और भाजपा का साथ महाराष्ट्र की राजनीति में बन रहे नए समीकरण का संकेत दे रहा है. महाराष्ट्र में पवार की पार्टी कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के साथ है. इस राज्य में भाजपा और एनसीपी के साथ गठबंधन के बारे में अटकलें कई बार लग चुकी हैं.

जद (यू) के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘हमारी पार्टी के नगालैंड राज्य अध्यक्ष ने जद (यू) के केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श किए बिना नगालैंड के मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र दिया है जो उच्च अनुशासनहीनता और मनमाना कदम है. इसलिए जद (यू) ने नगालैंड में पार्टी की राज्य समिति को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है.’ जद (यू) ने नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के हाल में हुए चुनाव में एक सीट हासिल की है.


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