ताजा हलचल

कांग्रेस ने कसा तंज, चीता इवेंट तो तमाशा-मिशन पर है हमारा शेर

0

17 सितंबर 2022 का दिन भारत के इतिहास के पन्नों में खासतौर से दर्ज हो गया. करीब 70 साल बाद चीते एक बार फिर रफ्तार भरेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन पर कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ा.

पीएम ने कहा कि इसका कोई राजनीतिक महत्व नहीं है. लेकिन पर्यावरण और देश के लिए यह जरूरी कदम था. यह बात अलग है कि कांग्रेस ने चीता अभियान को तमाशा अभियान करार देते हुए कहा कि हमारा शेर (यानी भारत जोड़ो यात्रा पर राहुल गांधी) है लिहाजा इस तरह की कवायद पीएम मोदी की तरफ से की गई.

यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी शायद ही कभी शासन में निरंतरता को स्वीकार करते हैं. जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि 25.04.2010 को केपटाउन की मेरी यात्रा पर वापस जाने वाली चीता परियोजना इसका ताजा उदाहरण है.

पीएम द्वारा किया गया तमाशा अनुचित है और राष्ट्रीय मुद्दों और भारत जोड़ी यात्रा को दबाने से एक और मोड़ है. लेकिन वह इस परियोजना का हिस्सा रहे हैं. इस परियोजना के लिए शुभकामनाएं.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि चूंकि हमारा शेर भारत जोड़ी यात्रा पर निकला है, इसलिए जो लोग भारत को तोड़ते हैं, वे विदेशों से चीते लाते हैं.

कांग्रेस ने शुक्रवार को तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की 2010 में दक्षिण अफ्रीका में एक चीते के साथ एक तस्वीर पोस्ट की और कहा कि 2008-09 में प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव तैयार किया गया था. इस परियोजना को मनमोहन सिंह सरकार ने मंजूरी दी थी. 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने इस परियोजना पर रोक लगा दी और इसे केवल 2020 में अनुमति दी.

2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था, तब भी कई लोगों ने खतरों को लेकर आगाह किया था. वे गलत साबित हुए. चीता परियोजना पर भी इसी तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं. इसमें शामिल लोग बेहतरीन प्रोफेशनल हैं. लिहाजा डरने की जरूरत नहीं है.



NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version