कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मंगलवार को विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. विपक्ष, केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर बढ़ाई गई जीएसटी को वापस लेने की मांग को लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहा है.
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर एक ट्वीट में लिखा है, “मोदी सरकार ने अपने ‘वसूली बजट’ में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सेवाओं पर GST बढ़ा दिया है. इससे जनता को इन सुविधाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. मोदी सरकार की इस वसूली के खिलाफ INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया.”
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने इस पर बात की और कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर कोई जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सरकार का यह फैसला मानवीय आस्था के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाता है.
माथेर ने कहा, “अब केंद्र सरकार ने बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है, जिसे गरीब लोग राहत के तौर पर लेते हैं. सरकार का यह फैसला सिर्फ यह दर्शाता है कि मानवीय आस्था के प्रति कोई सम्मान नहीं है और इंडिया ब्लॉक बीमा पर जीएसटी वापस लेने की मांग को लेकर एकजुट है.”
इससे पहले 2 अगस्त को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीएमसी) के नेता और सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मेडिकल और स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी को “जनविरोधी” बताया और कहा कि इससे देश के नागरिकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
संवाददाताओं से बात करते हुए बंद्योपाध्याय ने कहा कि स्वास्थ्य पर जीएसटी का मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उठाया है.
उन्होंने कहा, “हमने आज मुद्दा उठाया कि जीवन बीमा प्रीमियम और दवाओं पर जीएसटी तुरंत वापस लिया जाए. हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल अपनी आवाज उठाई थी. हमें लगता है कि यह जीएसटी जनविरोधी है. यह जीएसटी देश के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है.”
उन्होंने आगे जोर दिया कि सरकार को इस कदम को वापस लेना चाहिए और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सदन में आकर तुरंत इसकी घोषणा करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में एक बड़े आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरेंगे.”
इस बीच, टीएमसी के लोकसभा सांसदों ने भी 3 अगस्त को मेडिकल और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.