केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब कथित घोटाला मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है. इस आरोपपत्र में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कंपनियों समेत कई अन्य लोगों के नाम आरोपी के तौर पर शामिल हैं. नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत कई अन्य के खिलाफ पहले ही एक आरोप पत्र दायर किया जा चुका है.
हालांकि इस पर सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं दी गई है, लेकिन यह मामला पहले से ही 12 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.
सीबीआई ने कोर्ट को सूचित किया है कि इस मामले में पहले ही एक चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. यह नया आरोप पत्र दाखिल किया गया है, क्योंकि यह बिल्कुल अलग तरह का मामला है. इसमें कथित तौर पर किया गया घोटाला भी एकदम अलग तरीके का है.
यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव 2004- 09 के दौरान यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. ऐसे आरोप हैं कि उस समय भारतीय रेलवे के अलग- अलग क्षेत्रों में ग्रुप ‘डी’ पदों पर लोगों की नियुक्ति हुई थी और इसके बदल में उन लोगों ने यादव परिवार के सदस्यों और लाभार्थी कंपनी ‘एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ को अपनी जमीन ट्रांसफर की थी.
इस मामले में सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से पूछताछ की थी. वहीं ईडी ने छापामार कार्रवाई की थी. ऐसी खबरें थीं कि ईडी को अपराध में इस्तेमाल किए गए 600 करोड़ रुपए के लेनदेन की जानकारी मिली है. वहीं आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक नकदी बरामद की है. इस मामले में ईडी तेजस्वी यादव और उनकी बहन मीसा भारती से पूछताछ कर चुकी है.