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हिमाचल में अभी बाकी है हलचल! सीएम सुक्खू का इस्तीफे से इनकार

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शिमला| हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस में जारी सियासी संकट और इस्तीफे की खबरों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है. इस्तीफे से इनकार करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है और कांग्रेस की सरकार राज्य में पूरे पांच साल चलेगी. इतना ही नहीं, उन्होंने यह बयान देकर खलबली मचा दी है कि भाजपा के कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं.

मीडिया में चल रही इस्तीफे की खबरों पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ‘मैंने कोई इस्तीफा नहीं दिया है. मैं एक योद्धा हूं, झुकूंगा नहीं. कांग्रेस की सरकार पांच साल चलेगी. कुछ भाजपा विधायक हमारे संपर्क में हैं. हिमाचल में यह सब भाजपा द्वारा बनाया गया नाटक है.’ इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि पता नहीं यह खबर कहां से आई.

इससे पहले कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर आए संकट के बीच बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को पार्टी विधायकों से बात करके समाधान निकालने के लिए शिमला भेजा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हिमाचल के घटनाक्रम पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से बात की है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने भाजपा की निंदा की और उसकी रणनीति को लोकतंत्र के लिए ‘‘चिंताजनक’’ करार दिया. शिवकुमार ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के अनुसार, मैं हिमाचल प्रदेश पहुंच रहा हूं. इसके अलावा किसी भी अफवाह को मानने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी के विधायक पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे और उस जनादेश के साथ रहेंगे जो उन्हें मिला है.’

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों द्वारा भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के कुछ घंटों बाद खरगे ने असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए हुड्डा और शिवकुमार को हिमाचल प्रदेश भेजा है. इन दोनों पर्यवेक्षकों को उन छह असंतुष्ट विधायकों समेत पार्टी नेताओं से बातचीत करने के लिए कहा गया है. समझा जाता है कि असंतुष्ट विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से नाराज हैं.

इन छह विधायकों के असंतुष्ट होने और भाजपा के संपर्क में होने की जानकारी सामने आई है. इस घटनाक्रम से राज्य में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने भी मंत्रिमंडल से अपने इस्तीफे की घोषणा की और कहा कि वह पहले ही प्रियंका गांधी वाद्रा से बात कर चुके हैं.

इस बीच, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने अशोभनीय आचरण के आरोप में 15 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं. प्रदेश में तीन निर्दलीय विधायक हैं.

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