हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए मतदान प्रकिया जारी है, लेकिन आ रही खबरों पर ध्यान दे तो सत्तारूढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. क्रॉस वोटिंग होने से कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. यानि कि उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट किया. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने हर्ष महाजन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
विधानसभा की 68 सीटों में से सबसे अधिक सीटें कांग्रेस के पास है. 40 सीटों के साथ कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, वहीं, भाजपा के पास सिर्फ 25 विधायक हैं. इसके अलावा निर्दलीय विधायकों की संख्या तीन है. ऐसे में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार सिंघवी के पक्ष में वोट नहीं कर हर्ष महाजन को वोट किया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्र दत्त लखनपाल के द्वारा क्रॉस वोटिंग की आशंका है.
सिंघवी के साथ हो सकता है ‘खेला’
हिमाचल प्रदेश में जेपी नड्डा की सीट खाली होने से 1 सीट पर चुनाव हो रहा है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा है, वहीं, बीजेपी से हर्ष महाजन मैदान में हैं, लेकिन क्रॉस वोटिंग होने से सिंघवी के साथ-साथ सुखविंदर सिंह सूक्खू पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जानकारी के मुताबिक, 40 में से 6 विधायकों ने अगर क्रॉस वोटिंग की है तो कांग्रेस उम्मीदवार सिंघवी को 34 वोट मिल सकते हैं. वहीं, बीजेपी के 25 विधायक हैं, निर्दलीय 3 और अगर कांग्रेस 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है तो यह संख्या मिलाकर 34 हो जाती है, ऐसे में हर्ष महाजन के पक्ष में 34 वोट मिल जाएंगे. हालांकि, 68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में बहुमत के लिए जादूई आंकड़ा 35 विधायकों का होना जरूरी है. ऐसे में बीजेपी आश्वसत है कि कांग्रेस के कई और विधायक उनके संपर्क में है. अगर ऐसा हुआ तो सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है.
गुटबाजी बनी क्रॉस वोटिंग की वजह
दरअसल, राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के पीछे की मुख्य वजह हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है. एक गुट वीरभद्र सिंह समर्थकों का है, इस गुट का नेतृत्व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह करती हैं. वहीं, दूसरा धड़ा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ है. सुक्खू के खिलाफ पार्टी में अंदरुनी कलह पहले से ही चली आ रही है. वहीं, बीजेपी ने जिस उम्मीदवार को मैदान में उतारा है वह कभी वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी हुआ करते थे. हर्ष महाजन का प्रतिभा सिंह गुट और सुक्खू गुट यानी दोनों गुटों में अच्छी पकड़ है. कांग्रेस को इस बात की आशंका भी थी कि क्रॉस वोटिंग हो सकती है. इसके लिए चुनाव से एक दिन पहले ही व्हिप जारी कर बता दिया था कि पोलिंग एजेंट को दिखाकर विधायकों को वोट करने हैं.
हिमाचल प्रदेश : कांग्रेस की क्रॉस वोटिंग से खतरे में सीएम सूक्खू की कुर्सी, बीजेपी बदल सकती है तस्वीर!
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