अहमदाबाद| कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में फिर बड़ा झटका लगा है. पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने सोमवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा और इस तरह से पार्टी के साथ उनका 40 साल पुराना रिश्ता टूट गया. बताया जा रहा है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. मोढवाडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वह “लोगों के लिए योगदान देने में असहाय महसूस कर रहे हैं” और इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
विधायक ने पत्र में कहा, “पिछले कुछ वर्षों से, मैं अपने जिले पोरबंदर और गुजरात राज्य के लोगों के लिए योगदान करने में खुद को असहाय महसूस कर रहा हूं.” मोढवाडिया ने अपने इस्तीफे में 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस अलाकमान के फैसले पर भी नाराजगी जाहिर की है.
मोढवाडिया के इस्तीफे के साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 14 रह गई है. गुजरात के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली विपक्षी नेताओं में से एक, मोढवाडिया ने 2022 के चुनावों में पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता बाबू बोखिरिया को हराया था.
दूसरी ओर, लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दल कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और वह मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होंगे. उनके इस्तीफे की घोषणा से ठीक पहले, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा कि रविवार रात हुई एक बैठक के दौरान पार्टी की अनुशासनात्मक समिति ने डेर को पार्टी के सभी पदों और कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया. गोहिल ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई.
डेर ने 2017 से 2022 तक कांग्रेस विधायक के रूप में अमरेली जिले की राजुला सीट का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने राज्य के मंत्री पुरषोत्तम सोलंकी के छोटे भाई और भाजपा नेता हीरा सोलंकी को हराया था. गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले, डेर को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और हीरा सोलंकी से हारने के बावजूद वह इस पद पर बने रहे.