गुरुवार (3 नवम्बर) को चुनाव आयोग गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान करने वाला है. लेकिन उससे पहले कांग्रेस ने जब बीजेपी पर यह कह कर तंज कसा कि भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संस्थान है, ये निष्पक्ष चुनाव कराता है तो बीजेपी ने पलटवार करते हुए हार का डर बताया.
जानिए आखिर कांग्रेस के इस ट्वीट के पीछे की वजह क्या है. दरअसल कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग की शुरुआत हिमाचल प्रदेश की चुनावी तारीखों से लेकर हुई. चुनाव आयोग जब हिमाचल प्रदेश के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान कर रहा था तो सबकी नजर गुजरात चुनाव की तारीखों को भी लेकर थी. लेकिन उस दिन ऐलान नहीं हुआ.
विपक्षी दलों ने कहा कि गुजरात में रेवड़ी बांटने के लिए बीजेपी ने बेजा दबाव बनाया. लेकिन बीजेपी ने कहा था कि आयोग निष्पक्ष और स्वतंत्र हैं, पार्टी किसी संस्था पर दबाव नहीं बनाती है. हमारा काम सरकार की नीतियों को जनता के बीच ले जाने का होता है और उस दिशा में हम काम करते हैं.
लेकिन कांग्रेस और आप ने कहा था कि जिस तरह से हिमाचल प्रदेश के लिए तारीखों के ऐलान के बाद पीएम कई दफा गुजरात गए और हजारों करोड़ की रेवड़िया बांटी वो क्या था. पिछले 35 साल में बीजेपी जनहित के लिए काम तो कर ना सकी. अब चुनावी बेला पर लोगों को बहकाने और लालच देने का काम कर रही है.