गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिकल 370 को ना तो मैं वापस दिला सकता हूं, ना कांग्रेस, ना शरद पवार और ना ही ममता बनर्जी. आजाद ने इसी रैली में कहा कि वह अगले 10 दिन में नई पार्टी का ऐलान कर देंगे.
आपको बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद आजाद ने कहा था, जम्मू-कश्मीर मैं आ रहा हूं. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में नई पार्टी के साथ उतरने की बात कही थी.
इस 73 वर्षीय नेता ने 26 अगस्त को कांग्रेस छोड़ने से पहले, पार्टी में लगभग 5 दशक बिताए. संसद के दोनों सदनों में रहे. जम्मू.कश्मीर के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सहित अन्य कई अहम पदों पर कार्य किया.
आजाद ने शनिवार को कांग्रेस के उस बयान पर पलटवार किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका रिमोट कंट्रोल पीएम मोदी के हाथों में है. यह संकेत देते हुए कि कांग्रेस नेताओं का रिमोट कंट्रोल, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हाथों में था, आजाद ने मीडिया से कहा कि वह किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी तरह नहीं हूं, जिनका रिमोट कंट्रोल कहीं और है. मेरा रिमोट कंट्रोल मेरे पास है. मैं आजाद हूं. वे गुलाम हैं. मैं नबी (पैगंबर) का गुलाम हूं. वे किसी और के गुलाम हैं. मैं यह बेनकाब नहीं करना चाहता कि कांग्रेस या अन्य पार्टियों के नेता किसके नियंत्रण में हैं.’
गत 8 सितंबर को जम्मू के भदेरवाह में एक रैली को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने खुलासा किया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर सार्वजनिक टिप्पणियां क्यों कीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से मेरे लिए निंदात्मक भाषा का प्रयोग किए जाने के बाद मुझे जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा.
सोनिया गांधी को संबोधित अपने पांच पन्ने के त्यागपत्र में आजाद ने राहुल गांधी पर कांग्रेस की बर्बादी का ठीकरा फोड़ा था. उन्होंने वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने, उनकी कार्य योजना लागू नहीं करने, जी-23 नेताओं को अपमानित करने वालों का अभिनंदन और अध्यक्ष नहीं होने के बावजूद राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस को नियंत्रित करने पर सवाल खड़े किए थे.
गुलाम नबी आजाद ने कहा था, ‘वे मुझसे पूछते हैं कि आपने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ क्यों बोला. अगर आपने देखा होता, तो मैंने उन्हें अपने त्यागपत्र में सब कुछ बता दिया था. मैं तीन दिनों तक चुप रहा. मैंने कुछ नहीं कहा.
लेकिन जब उनकी तरफ से मिसाइलें दागी गईं और फायरिंग शुरू हुई, तो मैंने सोचा कि अगर कोई आप पर हमला करता है तो आपको अपनी जान बचानी चाहिए. उन्होंने मुझ पर मिसाइलें दागीं, लेकिन मेरे द्वारा सिर्फ .303 राइफल से फायर किए जाने के बाद ही वे नष्ट हो गए. अगर मैंने बैलिस्टिक मिसाइलें दागी होतीं तो वे गायब ही हो जाते.’