क्या राहुल गांधी अब बदल गए हैं? क्या भारत जोड़ो यात्रा ने उनकी छवि बदलने में मदद की है? ऐसे समय में जब कांग्रेस पूरी तरह से उम्मीद कर रही है कि उसका क्रॉस-कंट्री मार्च राहुल के बारे में लोगों की धारणा को बदल देगा और पार्टी के पुनरुत्थान में योगदान देगा, कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने सोमवार को एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, ‘मैंने कई साल पहले राहुल गांधी को छोड़ चुका हूं.’
एक संवाददाता सम्मेलन में भारत जोड़ो यात्रा से मिली सीख के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी को मैंने बहुत सालों पहले छोड़ दिया. राहुल गांधी आपके दिमाग में है, मेरे दिमाग में है ही नहीं. समझने की कोशिश करो, यही हमारे देश का दर्शन है.’
उनके इस बयान की विभिन्न नेताओं द्वारा अलग-अलग व्याख्या की जा रही है. कुछ ने उनकी इस टिप्पणी में दार्शनिक उपक्रम देखा, तो दूसरों ने उन्हें ‘एक बदला हुआ आदमी’ पाया. एक अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट में कुछ कांग्रेस नेताओं के हवाले राहुल गांधी के उपरोक्त बयान के बारे में समझाने की कोशिश की गई है. रिपोर्ट में एक कांग्रेस नेता के हवाले से लिखा गया है, ‘वह अब अधीर नहीं है. वह अब क्रोधित नहीं हैं.’ राहुल भी पहले जल्दी चिढ़ने की बात कह चुके हैं. उन्होंने एक मौके पर कहा था, ‘मैं एक-दो घंटे में चिढ़ जाता था. अब 8 घंटे बाद भी मुझे चिढ़ नहीं होती. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मुझे पीछे से धक्का दे या खींच ले.’
खुद पर भाजपा के निजी हमलों के बारे में राहुल ने कहा कि वह इन बातों को अपना गुरु और दिशा देने वाला दिशासूचक मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने मेरी छवि खराब करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं और उन्होंने मेरी एक छवि बनाई है. लोग सोचते हैं कि यह मेरे लिए हानिकारक है लेकिन वास्तव में यह मेरे लिए फायदेमंद है. क्योंकि सच्चाई मेरे साथ है और सत्य को छुपाया नहीं जा सकता. उन्होंने मेरी छवि खराब करने के लिए जितना पैसा खर्च किया है, उतनी ही ताकत मुझे दे रहे हैं.’ राहुल की टिप्पणी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा यह कहकर विवाद पैदा करने के कुछ दिनों बाद आई है कि कांग्रेस नेता का चेहरा सद्दाम हुसैन की तरह लगने लगा है. सरमा ने यह टिप्पणी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष की बढ़ी हुई और सफेद दाढ़ी के परिप्रेक्ष्य में की थी.
राहुल गांधी ने कहा, ‘जहां तक मेरे खिलाफ व्यक्तिगत हमलों का सवाल है, वे तब होते हैं जब कोई व्यक्ति राजनीतिक पद ग्रहण करता है. अगर आप बड़ी ताकतों से लड़ रहे हैं, व्यक्तिगत हमले होंगे. यदि आप किसी ताकत के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं और आप बस इधर-उधर तैर रहे हैं तो कोई व्यक्तिगत हमला नहीं होगा. इसलिए, जब मुझ पर व्यक्तिगत हमला होता है, मुझे पता होता है कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रहा हूं। एक तरह से ये निजी हमले… भाजपा मेरी छवि खराब करने के लिए जो पैसा खर्च करती है… वह सब मेरे गुरु हैं जो बताते हैं कि मुझे एक निश्चित दिशा में जाने की जरूरत है, किसी और दिशा में नहीं.’
राहुल ने आगे कहा, ‘क्योंकि लड़ाई उन लोगों की विचार प्रक्रिया को गहराई से समझने की है जो आपके खिलाफ खड़े हैं. धीरे-धीरे मैं बीजेपी और आरएसएस की विचार प्रक्रिया को गहराई से समझने लगा हूं. इसलिए, मैं इस लड़ाई में आगे बढ़ रहा हूं और अगर मैं आगे बढ़ रहा हूं तो सब ठीक है.’ उन संगठनात्मक परिवर्तनों के बारे में पूछे जाने पर जिन्हें वह लागू करना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि वह भारत जोड़ो यात्रा को पूरा करने के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा का उद्देश्य पूरे देश में एक विशेष संदेश भेजना था. मैं इस यात्रा को पूरा करने और भारत के लोगों को सुनने के अलावा किसी और चीज के बारे में नहीं सोच रहा हूं…मैं बस इतना ही कर रहा हूं, और कुछ नहीं. मैं कांग्रेस के बारे में नहीं सोच रहा हूं, मैं संगठन के बारे में नहीं सोच रहा हूं, मैं चुनाव के बारे में नहीं सोच रहा हूं, मैं किसी चीज के बारे में नहीं सोच रहा हूं, यह मेरे मन में है, यह भारत के विचार के लिए खड़े होने की तपस्या है, जिस पर हमला किया जा रहा है और नष्ट कर दिया गया है.’