माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. मुख्तार अंसारी को अदालत ने साढ़े पांच साल की सजा सुनाई. सजडा के साथ मुख्तार अंसारी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
महावीर प्रसाद रूंगटा कोयला व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के भाई हैं. रवींद्रपुरी कॉलोनी निवासी नंद किशोर रूंगटा की 90 के दशक में अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. वाराणसी के भेलूपुर थाने में महावीर प्रसाद रूंगटा ने मुकदमा दर्ज कराया.
मुकदमे की तफ्तीश के दौरान 5 नवंबर 1997 की शाम महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन पर धमकी दी गई. भाई को मामले की पैरवी करने से दूर रहने के लिए कहा गया. चेतावनी मिली कि बात नहीं मानने पर बम से उड़ा दिया जाएगा. 1 दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया. नंद किशोर रूंगटा अपहरण और हत्याकांड के आरोपी बनाए गए मुख्तार अंसारी को निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए 2000 में दोष मुक्त कर दिया.
लेकिन योगी सरकार आने के बाद हाईप्रोफाइल मामला एक बार फिर खुल गया. 2007 में कृष्णानंद राय हत्याकांड और नंद किशोर रूंगटा के अपहरण मामले को आधार बनाते हुए मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया. शुक्रवार को वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने धमकी के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी माना. अदालत ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को साढ़े पांच साल की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया.