पिछले महीने भाजपा से गठबंधन खत्म कर आरजेडी के साथ सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है. मणिपुर में जेडीयू के 6 में से 5 विधायकों ने पाला बदल भाजपा में शामिल हो गए हैं.
इनमें केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछब उद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं. मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जेडीयू के पांच विधायकों के बीजेपी में विलय को स्वीकार किया है.
बताया जा रहा है कि सभी विधायक जेडीयू के एनडीए गठबंधन से बाहर आने के फैसले से नाराज थे. ये फैसला नीतीश कुमार के उस एलान के बाद किया है,जिसमें उन्होंने मणिपुर में भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कही थी. वहीं, इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.
एक तरफ जेडीयू ने इसे असंवैधानिक बताया है, तो दूसरी तरफ भाजपा उन विधायकों का खुले दिल से स्वागत कर रही है. बता दें कि इसी साल मार्च महीने में मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जदयू ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह सीटों पर उन्हें जीत मिली थी.
हालांकि, अब पार्टी को तगड़ा झटका लगा. 6 में से 5 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी लगातार उनकी पार्टी में सेंध लगा रही है. जेडीयू को पिछले नौ दिनों में ये दूसरा झटका लगा है. इससे पहले 25 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के एकमात्र विधायक तेकी कासो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए थे.
वहीं जेडीयू ने 2019 में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में सात सीटें जीती थीं. चुनाव नतीजों में जेडीयू बीजेपी के बाद राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि जेडीयू के 6 विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे.