शनिवार को राष्ट्रपति पद के लिए अपने नाम की उम्मीदवारी को लेकर नेशनल कॉंफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि मैं भारत के राषट्र्पति के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम विचार से वापस लेता हूं.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मेरा मानना है कि मेरा मानना है कि जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित समय को नेविगेट करने में मदद करने के लिए मेरे प्रयासों की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति है और मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं.
मेरा नाम प्रस्तावित करने के लिए मैं ममता दीदी का आभारी हूं. मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया.
ममता बनर्जी की ओर से विपक्षी पार्टियों की बुलाई गई बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार या फिर फारूक अब्दुल्ला के नामों को एक विकल्प के तौर पर रखा गया था, लेकिन दोनों नेताओं ने अपना नाम वापस ले लिया है. शरद पवार पहले ही अपना नाम वापस ले चुके हैं.
विपक्षी दलों की 15 जून को हुई इस बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का भी प्रस्ताव रखा गया था.
सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्ष एक और मीटिंग रखेगा और इस बैठक के लिए समय और जगह तय करने की जिम्मेदारी शरद पवार को सौंपी गई है.