यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित बसपा मुख्यालय से मायावती, कांशीराम और अंबेडकर की मूर्तियां लगाई गई थीं. अब ये मूर्तियां वहां से हटा दी गई हैं. मूर्तियों को कहां शिफ्ट किया गया है इसका अभी पता नहीं चल सका है.
हालांकि कहा जा रहा है कि इन मूर्तियों को बसपा सुप्रीमो मायावती के लखनऊ आवास पर शिफ्ट किया गया है. मूर्तियों को हटाने की वजह भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि इसके पीछे 2024 का लोकसभा चुनाव हो सकता है.
बता दें कि बसपा कार्यालय पर लगी इन मूर्तियों पर मायावती हर वर्ष महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर माल्यार्पण करने पहुंचती थीं. लेकिन बुधवार को चुनाव तैयारियों को लेकर हुई बैठक के बाद इन मूर्तियों का गायब होना चर्चा का विषय बना हुआ है. यूपी के सियासी गलियारों में चर्चा है कि मूर्तियों के हटाने के पीछे बसपा की कोई रणनीति हो सकती है. हालांकि अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है.
गौरतलब है कि मायावती के शासन काल में इन मूर्तियों को बसपा मुख्यालय में स्थापित किया गया था. इन मूर्तियों के जरिए मायावती ने दलित महापुरुषों और उनकी सियासत का मुद्दा बनाया था. इतना ही नहीं मायावती अपने इस उद्देश्य में काफी हद तक सफल भी रही थीं. लेकिन पिछले कुछ चुनावों में पार्टी की विफलता से मायावती भी चिंतित हैं. कहा जा रहा है कि मूर्तियों को हटाने का निर्णय लोकसभा चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़ा हो सकता है.