महाराष्ट्र में सियासी संकट कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही महायुति में मनमुटाव का दौर जारी है. लगातार बैठकें भी हो रही हैं लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा है. इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल एकनाथ शिंदे ने अभी भी हार नहीं मानी है. भले ही वह दावा कर रहे हैं कि वह सीएम की रेस में नहीं हैं, लेकिन उनका दावा कुछ अलग ही दिखाई दे रहा है. दरअसल शुक्रवार को मुंबई में महायुति की बड़ी बैठक होना थी, लेकिन अंतिम समय में अचानक एकनाथ शिंदे ने चाल चलते हुए इस बैठक को रद्द करवा दिया.
शिवसेना चीफ और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को अचानक सियासी पारा फिर हाई कर दिया है. दो दिन पहले जहां उन्होंने ये बात साफ कर दी थी कि जो भी बीजेपी शीर्ष नेतृत्व तय करेगा वह मान लेंगे. लेकिन दिल्ली में हुई महायुति की बैठक और अमित शाह से मुलाकात के बाद लगता है एकनाथ शिंदे के तेवर फिर बदल गए हैं.
उन्होंने शुक्रवार को अचानक अपने गृहनगर जाने का फैसला कर दिया. उन्होंने यह फैसला ऐसे वक्त पर किया है जब शुक्रवार को मुंबई में महायुति की बड़ी बैठक आयोजित की जा रही थी औऱ इसी बैठक में ये साफ होना था कि महाराष्ट्र की कमान किसके पास होगी.
एकनाथ शिंदे की नाराजगी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का ऑफर भी ठुकरा दिया है. पार्टी नेताओं की मानें तो शिंदे को केंद्र में मंत्री पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि वह सिर्फ प्रदेश की राजनीति से ही जुड़े रहेंगे. उनका केंद्र में कोई रुचि नहीं है.
अब आगे क्या
माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे के आने के बाद तुरंत महायुति की बैठक आयोजित कर दी जाएगी. शिंदे शनिवार को लौट सकते हैं औऱ इसी दौरान महायुति की बैठक में महाराष्ट्र के अगले सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा. बता दें कि 2 दिसंबर को महाराष्ट्र के अगले सीएम के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां हो रही हैं. ये कार्यक्रम मुंबई के वानखेड़ा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा.